ग्रहों के दान से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है. शैलेंद्र पांडे ने बताया कि जब कोई ग्रह कुंडली में प्रतिकूल प्रभाव डालता है, तो उस ग्रह से संबंधित वस्तु का दान करने से उसकी बाधाएं शांत हो सकती हैं. कुंडली के 12 भाव में सभी 9 ग्रहों की पोजीशन अलग-अलग रहती है. यदि किसी की कुंडली में ग्रह अच्छी स्थिति में है तो व्यक्ति को नतीजा अच्छा मिलता है वहीं ग्रहों की कुंडली में खराब स्थान होने पर अशुभ फल की प्राप्ति होती है.
ग्रहों के दान का महत्व
ग्रहों के दान का अर्थ है कि आप उस ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर रहे हैं. शैलेंद्र पांडे ने बताया कि जो ग्रह आपके लिए परेशानी का कारण बन रहा है, उस ग्रह से संबंधित वस्तु का दान करना चाहिए. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो ग्रह आपके लिए अनुकूल है, उसका दान नहीं करना चाहिए.
ग्रहों के लिए दान कैसे और कब करें
1. सूर्य के लिए तांबे के बर्तन, गुड़, गेहूं या आटे का दान रविवार को करना चाहिए.
2. चंद्रमा के लिए दूध, चावल, चीनी या चांदी का दान सोमवार की शाम को करना उत्तम है.
3. मंगल के लिए मंगलवार को लाल वस्त्र, तांबे के बर्तन या जौ का दान करना चाहिए.
4. बुध के लिए बुधवार को हरे फल या सब्जियों का दान करना लाभकारी है.
5. बृहस्पति के लिए गुरुवार को केला, हल्दी, चने की दाल, सोना या पीतल का दान करना शुभ माना गया.
6. शुक्र के लिए शुक्रवार को सफेद मिठाई, सफेद वस्त्र या सुगंध का दान करना चाहिए.
7. शनि के लिए शनिवार को काले चने, काली उड़द की दाल, सरसों का तेल या लोहे की वस्तु का दान करना लाभकारी है.
8. राहु और केतु के लिए भी विशेष वस्तुओं का दान और सेवा के उपाय बताए गए हैं.
कब मिलता है शुभ और अशुभ फल
कुंडली में सूर्य के शुभ होने पर मान-सम्मान बढ़ता है जबकि सूर्य के कमजोर होने पर अपयश मिलता है. कुंडली में चंद्रमा की शुभ स्थिति होने पर मन अच्छा रहता है. चंद्रमा की कुंडली में खराब स्थिति होने पर व्यक्ति का मानसिक तनाव बढ़ता है. कुंडली में शुभ मंगल से प्रबंधन में कुशलता बढ़ती है. कुंडली में बुध के शुभ होने पर सम्मान की प्राप्ति होती है. भाग्य और विवाह संबंधों का कारक ग्रह गुरु को माना गया है. शुभ गुरु होने पर वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है. कुंडली में शुक्र के मजबूत होने पर सभी तरह की सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं. कुंडली में शनि के अशुभ होने पर कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. शनि के शुभ होने पर व्यक्ति को सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है. राहु के अशुभ होने पर व्यक्ति को बहुत कष्ट मिलता है. यदि कुंडली में राहु मजबूत ग्रह के साथ बैठा है तो व्यक्ति बलशाली होता है.