Shadashtak Yoga 2025: जुलाई में बन रहा षडाष्टक योग, इन राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें, जानिए इससे बचने के उपाय

जुलाई में षडाष्टक योग बन रहा है. ग्रहों में मंगल और शनि के साथ राहु-केतु भी रहेंगे. इससे कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा. इन राशियों के लोगों को 28 जुलाई तक सावधान रहने की जरूरत है.

Shadashtak Yoga 2025 (Photo Credit: Getty)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:32 AM IST
  • जून-जुलाई में चल रहा षडाष्टक योग
  • कुछ राशियों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव
  • वैदिक में मिलता है षडाष्टक योग का उल्लेख

एस्ट्रो साइंस ये कहता है कि खगोलीय घटनाएं हमारे जीवन को बहुत हद तक प्रभावित करती है. ग्रह नक्षत्रों की चाल दुनिया के घटनाक्रम पर असर भी डालती है. हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसा हुआ ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. देश नहीं बल्कि मौजूदा हालात में दुनिया भर में भी उथल पुथल मची हुई है.

दरअसल, दुनिया में हो रही उथल पुथल का मुख्य कारण षडाष्टक योग माना जा रहा है. इसे एक अशुभ योग माना जाता है. ये योग जीवन में कई तरह की चुनौतियों और बाधाओं के संकेत देता है. इस योग से ना सिर्फ लोगों को व्यक्तिगत जीवन में कई तरह की कठिनाई आती है, साथ ही देश दुनिया में भी उथल-पुथल देखने को मिलती है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जुलाई में भी षडाष्टक योग बना रहेगा. ये योग 28 जुलाई तक रहेगा. इसी बीच बृहस्पति का अतिचारी गोचर है. वहीं केतु के कारण देश दुनिया में कामों में रुकावट की आशंका और लोगों के बीच वैचारिक मतभेद जो की बढ़ रहा है. इस वजह से जुलाई में काफी सावधान रहने की जरूरत है. 

क्या है षडाष्टक योग?
षडाष्टक योग एक विशेष ज्योतिषीय योग है. इसके बारे में उल्लेख वैदिक ज्योतिष में भी मिलता है. यह योग दो ग्रहों के बीच की विशेष स्थिति के आधार पर बनता है. इसे अशुभ योगों में से एक माना गया है. 'षडाष्टक' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, षष्ठ (6वां) भाव और अष्टम (8वां) भाव.

जब दो ग्रह एक-दूसरे से छठवें या आठवें स्थान पर होते हैं तो उनके बीच षडाष्टक योग बनता है. उदाहरण के तौर पर समझिए कि यदि एक ग्रह मेष राशि में है और दूसरा कन्या राशि में है तो वे एक-दूसरे से छठवें स्थान पर हैं. इसी तरह अगर एक ग्रह सिंह में है और दूसरा मकर में है तो वे आठवें यानी अष्टम स्थान पर हैं.

षडाष्टक योग के प्रभाव
षडाष्टक योग में दो ग्रह एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. यदि इन ग्रहों की दशा आती है तो व्यक्ति को संघर्ष, रोग, मानसिक तनाव और पैसों के मामले में नुकसान झेलने पड़ सकता है. इसके अलावा तनाव और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है. साथ ही हादसों का भी खतरा बढ़ जाता है. षडाष्टक योग से सम्बंधों में समस्या आ सकती है. कुण्डली में षडाष्टक योग बना हो तो पति-पत्नी, माता-पिता और संतान के बीच तनाव होता है.

कुण्डली में षडाष्टक योग के कारण मंगल की आठवीं दृष्टि शनि पर रहेगी. इससे शनि की शक्ति बढ़ जाएगी. शनि का नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकता है. केतु का स्वभाव मंगल जैसा है और इनकी युति आग और विस्फोट को जन्म देती है. इन ग्रहों और दशाओं और योगों का असर कुछ हद तक सामने भी आ रहा है.

जिन लोगों की कुंडली में मंगल राहु-केतु की होती है. जिनकी राशि में शनि की साढ़े साती हो. साथ में कुंभ, मीन, मेष, धनु और सिंह राशि और जिनकी सिंह या मीन राशि है. जिनकी कुंडली में केतु आश्रम भाव है या अष्टम भाव में कोई युति बनी हुई है, ऐसे लोगों को सावधान रहना है। वहीं जिनका मूल आंख या फिर जिनके लिए अंकों का योग 789 बनता है, उन पर भी मंगल का नकारात्मक असर पड़ सकता है.

ग्रहों की चाल और अशुभ योग
ज्योतिषियों के अनुसार, 28 जुलाई तक ग्रहों की चाल के कारण दुनिया में उथल-पुथल मची रहेगी. इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इस बारे में पंडित दिवाकर त्रिपाठी ने बताया, हमने 2025 की शुरुआत में ही ये प्रिडिक्शन की थी कि इस साल ग्रहों की चाल के कारण कई दुर्घटनाएं हो सकती हैं. 

यह समय विशेष रूप से अशुभ है और हमें सतर्क रहना चाहिए. ज्योतिषी प्रतीक भर्जी ने सिंह और कुंभ राशि वालों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सिंह और कुंभ राशि वालों को इस दौरान अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. शनि और मंगल की दृष्टि के कारण इन राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

उपाय और सावधानियां
षडाष्टक योग से बचने के लिए कुछ उपाय और सावधानियां करनी चाहिए. जिन राशियों पर बुरा प्रभाव चल रहा हो, उनको मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ में सूर्य के लिए गुड़ और शनि के लिए काले तिल का दान करें. इसके अलावा अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेकर रत्न जरूर पहनें. सात्विक जीवन शैली अपनानी चाहिए. संयम, ध्यान और संतुलित आहार अपनाना इस योग के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है.

डॉ. नितीशा ने बताया कि इस समय हनुमान चालीसा और रामायण का पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हनुमान जी की आराधना करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है. इसके अलावा घर से बाहर निकलते समय चंदन का तिलक लगाना और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.

अंक ज्योतिषी वान्या ने बताया कि यात्रा करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. जब भी आप घर से बाहर निकलें तो हनुमान चालीसा का पाठ करें और चंदन का तिलक लगाएं. इससे नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है. ज्योतिषियों की सलाह है कि 28 जुलाई तक विशेष सावधानी बरतें और हनुमान चालीसा, रामायण का पाठ करें. इससे ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और सुरक्षित रहा जा सकता है.

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