शकुन और अपशकुन भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़े हुए हैं. ये संकेत जीवन में आने वाले समय की जानकारी देते हैं. कोई भी संकेत या घटना आकस्मिक रूप से अचानक घट जाए, तभी उसे शकुन या अपशकुन समझना चाहिए. यदि कोई संकेत या सूचना बार-बार मिल रही हो, तो वह सत्य के ज्यादा निकट होती है. ईश्वर या देवी-देवताओं से संबंधित संकेत ज्यादातर शकुन और अपशकुन नहीं होते, बल्कि वे मन का प्रोजेक्शन होते हैं.
सपनों और संकेतों का महत्व
सपने और संकेतों का अर्थ समझना जरूरी है. उदाहरण के तौर पर भगवान शिव के भक्त को शिवलिंग या शिव मंदिर के दर्शन सपने में हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह शकुन या अपशकुन है. यह व्यक्ति के मन की भावना का प्रतिबिंब हो सकता है.
अलग-अलग संकेतों का अर्थ
1. शकुन और अपशकुन के विभिन्न संकेतों का अर्थ बताया गया है.
2. यदि अचानक दर्पण गिर जाए या टूट जाए, तो यह बाधा का संकेत है.
3. यात्रा के दौरान शव, मछली या पान का पत्ता दिखे तो यह यात्रा की सफलता का संकेत है.
4. यात्रा के समय दूध या खाली बर्तन दिखे, तो यह यात्रा रद्द होने या बाधा का संकेत है.
व्यक्तिगत घटनाओं का प्रभाव
1. व्यक्तिगत घटनाएं भी शकुन-अपशकुन का संकेत दे सकती हैं.
2. शर्ट के बटन उलटे लगाना असफलता का संकेत है.
3. राह चलते हेयरपिन, बटन या रुमाल मिलना नए संबंध की शुरुआत का संकेत है.
4. बात करते समय घंटी या शंख की आवाज सुनाई दे, तो जिस काम पर चर्चा हो रही है, वह जरूर पूरा होगा.
संकेतों को समझने का महत्व
विशेषज्ञों ने कहा कि संकेतों को समझना और उनका सही अर्थ निकालना जरूरी है. यह जीवन में आने वाले समय के लिए तैयार रहने में मदद करता है. हालांकि, हर संकेत को शकुन या अपशकुन मानना सही नहीं है. यह व्यक्ति की सोच और भावना पर निर्भर करता है. शकुन शास्त्र में पक्षियों के मूवमेंट और अन्य घटनाओं के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है. दुष्यंत और शकुंतला की कथा में भी शकुन पक्षी का उल्लेख मिलता है. यह विज्ञान हमें बताता है कि आने वाले समय में भाग्य हमारा कितना साथ देगा.