ज्योतिष में कुल 12 राशियां होती हैं. इसमें से दो राशियों के स्वामी बुध हैं. शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं कि बुध की राशियां कौन सी हैं और उनकी विशेषता क्या है? शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक बुध मुख्यतः पृथ्वी तत्व का ग्रह माना जाता है. इसके पास दो राशियां मिथुन और कन्या हैं. मिथुन राशि वायु तत्व की राशि है और कन्या राशि पृथ्वी तत्व की राशि है.
दोनों राशियों के स्वामी भले ही बुध हैं लेकिन दोनों राशियों का स्वभाव और भाग्य बिल्कुल अलग-अलग होता है. मिथुन और कन्या राशि की यदि बात करें तो कन्या राशि बुध के ज्यादा निकट होती है और मिथुन राशि शनि के ज्यादा निकट पाई जाती है.
मिथुन राशि की विशेषताएं
मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं. शनि मिथुन राशि वालों के लिए भाग्य बढ़ाने वाला माना जाता है. मिथुन राशि आकर्षण और बुद्धिमता की राशि मानी जाती है. मिथुन राशि के लोग हाजिर जवाब, विटी, चपल और आकर्षक होते हैं. इनके अंदर एक जल्दबाजी दिखाई देती है. मिथुन वालों की सबसे बड़ी कमजोरी है उनकी दुविधा और लापरवाही. ये बहुत जल्दी निर्णय लेने में कन्फ्यूज हो जाते हैं और अक्सर जीवन में बड़ी लापरवाहियां कर बैठते हैं.
मिथुन वालों का आकर्षण विपरीत लिंग के प्रति ज्यादा होता है. यदि पुरुष हैं तो स्त्री के प्रति और अगर स्त्री हैं तो पुरुष के प्रति. मिथुन वालों को नियमित रूप से हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए. अपने जीवन में शक्ति लाने और संघर्ष से बचने के लिए रोज सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें और पीपल के नीचे शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
कन्या राशि की विशेषताएं
कन्या राशि बुध की पॉजिटिव राशि मानी जाती है और इस राशि के स्वामी भी बुध हैं. कन्या राशि पृथ्वी तत्व की सबसे बड़ी राशि है. पैसे, रुपए का मामला, सारा फाइनांस का मामला, पैसे बचाने का मामला कन्या राशि से कंट्रोल होता है. कन्या राशि में चालाकी, वाकपतुता और प्रबंधन के गुण पाए जाते हैं.
कन्या राशि के लोग धन के मामले में भाग्यवान होते हैं और बहुत अच्छे मैनेजर होते हैं. कन्या राशि की सबसे बड़ी कमजोरी स्वार्थ है. इस राशि के लोगों को सलाह दी जाती है कि वे गायत्री मंत्र का जप करें. कम से कम सुबह-शाम नौ-नौ बार या 27-27 बार गायत्री मंत्र का जप करना लाभकारी होगा. कन्या राशि के लोगों को सलाह दी जाती है कि वे एक उपल या हीरा पहनें. इससे उनका जीवन बेहतर होगा.