देश के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही देश में 135 सीटर फ्लैश चार्जिंग बसें शुरू करने जा रही है, जो देखने में मेट्रो जैसी और सुविधाओं में फ्लाइट जैसी होंगी. गडकरी, आजतक के सहयोगी चैनल बिजनेस टुडे के BT India@100 कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने भारत के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में हो रहे बदलावों की जानकारी दी.
डीजल बस से 30% कम किराया
गडकरी ने बताया कि इन बसों की लागत प्रति किलोमीटर मात्र 2 करोड़ रुपये होगी, जबकि मेट्रो की लागत 450 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है. यही वजह है कि इन बसों में सफर करना डीजल बस के मुकाबले 30 फीसदी सस्ता पड़ेगा. ये बसें पूरी तरह से एसी होंगी, इनमें एग्जीक्यूटिव चेयर, ऑनबोर्ड फूड सर्विस जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. ऐसा फिलहाल एयरप्लेन में होता है.
नागपुर से चलेगी पहली बस
नितिन गडकरी ने बताया कि इस नई बस सेवा की शुरुआत महाराष्ट्र के नागपुर से की जाएगी. यह एक पायलट प्रोजेक्ट होगा, जिसके सफल होने के बाद इस सेवा को दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-देहरादून, चेन्नई-बेंगलुरु जैसे रूट्स पर शुरू किया जाएगा.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आ रहा क्रांतिकारी बदलाव
गडकरी ने बताया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को एक नया रूप देने पर फोकस किया गया है. मेट्रो, एक्सप्रेसवे और हाईवे के बाद अब बारी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की है. फ्लैश चार्जिंग बसें भविष्य की स्मार्ट मोबिलिटी का उदाहरण होंगी, जो न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल होंगी बल्कि यात्रियों को लग्जरी अनुभव भी देंगी.
360 रोपवे-केबल कार और हाइड्रोजन फ्यूल पर भी काम
बसों के अलावा गडकरी ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए और भी बड़ी योजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकार 360 रोपवे और केबल कार प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है, जिससे पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में भी लोगों को तेज और सुविधाजनक यात्रा मिल सके.
हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाला ट्रक तैयार
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने 10 हाइड्रोजन फ्यूल प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है. टाटा मोटर्स ने हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाला ट्रक भी तैयार कर लिया है. सरकार का मकसद है कि देश में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण हो और इससे चलने वाले वाहनों का उत्पादन बढ़े.
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