UPI Rule Change: बैलेंस चेक पर लिमिट, ऑटो डेबिट केवल नॉन-पीक आवर्स में, जानें 1 अगस्त से UPI को क्या कुछ बदला हुआ मिलेगा

अगर आप भी Paytm, PhonePe या Google Pay जैसे UPI ऐप्स पर दिन में कई-कई बार बैलेंस चेक करते हैं या ऑटोपे का इस्तेमाल करते हैं तो अब ये आदत बदलनी होगी.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST
  • बैलेंस चेक और ऑटोपे पर लगेगी लिमिट
  • पीक आवर्स में और सख्त नियम लागू होंगे

अगर आप भी Paytm, PhonePe या Google Pay जैसे UPI ऐप्स पर दिन में कई-कई बार बैलेंस चेक करते हैं या ऑटोपे का इस्तेमाल करते हैं तो अब ये आदत बदलनी होगी. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 अगस्त 2025 से कुछ जरूरी बदलाव करने का फैसला लिया है. इनका सीधा असर उन यूजर्स पर पड़ेगा जो दिनभर UPI से जुड़े फीचर्स का बार-बार इस्तेमाल करते हैं.

NPCI के नए निर्देशों के मुताबिक, UPI नेटवर्क पर लोड कम करने के लिए अब बैलेंस चेक, ट्रांजैक्शन स्टेटस देखना और ऑटोपे जैसे फीचर्स पर लिमिट लगाई जाएगी. इनका बार-बार इस्तेमाल नेटवर्क पर दबाव बढ़ाता है जिससे UPI क्रैश होता है. इसलिए अब एक दिन में कोई भी यूजर 50 बार से ज्यादा बैलेंस चेक नहीं कर पाएगा.

पीक आवर्स में और सख्त नियम लागू होंगे
NPCI ने कुछ समय को 'पीक आवर्स' बताया है. सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक. इन घंटों के दौरान API अनुरोधों (जैसे बैकएंड प्रोसेस या ऑटोमैटिक ट्रांजैक्शन चेकिंग) को सीमित या अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा.

इसका मतलब यह है कि अगर आप इन समयों में बार-बार बैलेंस चेक करते हैं या ट्रांजैक्शन स्टेटस देख रहे हैं, तो ऐप आपको रोक सकता है या "Try again later" का मैसेज दे सकता है. NPCI चाहता है कि इस दौरान नेटवर्क पर जरूरी लेनदेन को प्राथमिकता मिले.

ऑटोपे पर भी बदलेगा नियम
अगर आप Netflix, SIP, इंश्योरेंस या किसी भी सर्विस के लिए UPI Autopay का इस्तेमाल करते हैं, तो अब यह सुविधा सिर्फ नॉन-पीक आवर्स में ही मिलेगी. यानी सुबह 10 से दोपहर 1 और शाम 5 से रात 9:30 के बीच ऑटोपे के ऑथराइजेशन या डेबिट प्रोसेसिंग नहीं की जाएगी.

NPCI ने बताया कि हर ऑटोपे मैन्डेट के लिए एक ही बार प्रयास होगा, और उसमें अधिकतम 3 बार ट्राय किया जा सकता है लेकिन ये सभी ट्राय भी TPS (Transactions Per Second) लिमिट और नॉन-पीक टाइम में ही मान्य होंगे.

हर लेनदेन के बाद मिलेगा बैलेंस अपडेट
अब बैंक को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर ट्रांजैक्शन के बाद यूजर को बैलेंस की जानकारी मिले, ताकि यूजर बार-बार जाकर ऐप पर बैलेंस चेक न करे. इससे सिस्टम पर लोड कम होगा और लेनदेन में देरी की घटनाएं भी घटेंगी.

क्यों लिया गया यह फैसला?
पिछले कुछ महीनों में कई बार UPI सिस्टम क्रैश हुआ है. ट्रांजैक्शन में 90 सेकंड से ज्यादा की देरी की शिकायतें आई हैं. इसके बाद कुछ लोगों ने UPI पर चार्ज लगाने की मांग भी की थी ताकि इसकी सेवा को बेहतर किया जा सके. हालांकि NPCI ने चार्ज लगाने की बजाय अब पीक टाइम लिमिटिंग का रास्ता चुना है, ताकि सभी को एक समान और बेहतर सुविधा मिल सके.

क्या करें यूजर्स?

  • बैलेंस चेक और ट्रांजैक्शन स्टेटस सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही करें.

  • पीक टाइम में बार-बार ऐप न खोलें, वरना फीचर्स सीमित मिलेंगे.

  • ऑटोपे सेट करने या एक्टिवेट करने से पहले समय का ध्यान रखें.

  • बैंक से मिलने वाले बैलेंस अपडेट पर भरोसा करें, खुद बार-बार न चेक करें.

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