एयर इंडिया की सब्सिडरी कंपनी को बेचने की तैयारी में सरकार, जानें क्या है पूरा प्लान

एयर इंडिया को बेचने के बाद सरकार उसकी सब्सिडरी कंपनी को बेचने की तैयारी में जुट गुई है. अलायंस एयर की बिक्री के लिए रुचि पत्र (Expression of Interest) अगले वित्त वर्ष में निकाला जाएगा.

एयर इंडिया की सब्सिडरी कंपनी को बेचने की तैयारी में सरकार
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 13 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:46 PM IST
  • एयर इंडिया की सब्सिडरी कंपनी को बेचने की तैयारी में सरकार.
  • एयर इंडिया पर कुल 46,262 करोड़ रुपए का कर्ज बचा है.

हाल ही में टाटा ने एयर इंडिया (Air India) को टेकओवर किया है. 69 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हुई है. इस अधिग्रहण के साथ ही टाटा देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस बन गयी है. जिसके बाद एयर इंडिया सरकारी से एक बार फिर प्राइवेट एविएशन कंपनी बन गई है. घाटे में डूबती एयर इंडिया भारत सरकार के लिए एक संकट बन गई थी. जिसे टाटा ग्रुप ने संकटमोचक बनकर बचा लिया. अब टाटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती एयर इंडिया को घाटे से उबारकर मुनाफा कमाने वाली कंपनी बनाना है. वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया को बेचने के बाद सरकार उसकी सब्सिडरी कंपनी को बेचने की तैयारी में जुट गुई है. 

एयर इंडिया की बिक्री के साथ ही पिछले 17 साल में पहली बार किसी सरकारी कंपनी का सफल निजीकरण हुआ है. जिसके बाद सरकार अब उसकी सब्सिडरी कंपनी अलायंस एयर ( Alliance Air) की बिक्री प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए रुचि पत्र (Expression of Interest) अगले वित्त वर्ष में निकाला जाएगा. अलायंस एयर, एयर इंडिया की सब्सिडरी कंपनी है. एयर इंडिया की चार सब्सिडरी कंपनी हैं- एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIATSL), एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (AASL) या अलायंस एयर (Alliance Air), एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (HCI). 2019 में एयर इंडिया के निजीकरण से पहले सरकार ने इन चारों सब्सिडरी कंपनियों के लिए एक अलग कंपनी बनाई थी जिसका नाम एयर इंडिया असेट होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) रखा गया.

अगले वित्त वर्ष में निकाला जाएगा रुचि पत्र

अलायंस एयर का काम एयर इंडिया के लिए ग्राउंड हैंडलिंग का था. उसकी बिक्री के बारे में बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे पास एयर इंडिया की सब्सिडरीज की बिक्री के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले से है. हम ग्राउंड हैंडलिंग इकाई की बिक्री के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट अगले वित्त वर्ष में निकालेंगे." अधिकारी ने ये भी बताया कि अभी यह तय किया जाना है कि इन सब्सिडरीज के निजीकरण के लिए एयर इंडिया विशेष वैकल्पिक व्यवस्था (AISAM) का इस्तेमाल किया जाए या केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश (CPSE disinvestment) की वैकल्पिक व्यवस्था को इस्तेमाल में लाया जाए.

एयर इंडिया पर 46,262 करोड़ रुपए का कर्ज 

एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ रुपए का कर्ज है. टाटा ने अपनी बोली से एयर इंडिया का 15,300 करोड़ रुपए का कर्ज उतार दिया है. टाटा के इस कर्ज को उतारने के बाद अब एयर इंडिया पर कुल 46,262 करोड़ रुपए का कर्ज बचा है. एयर इंडिया पर जितना बकाया कर्ज है उसका भुगतान एयर इंडिया असेट होल्डिंग लिमिटेड की तरफ से असेट को बेचकर किया जाएगा.

 

 

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