टैक्सपेयर्स (Taxpayers) ध्यान दें! एक बार फिर टैक्स (Tax) भरने का समय आ गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 तय की है.
आईटीआर दाखिल करने के लिए अंतिम समय का इंतजार नहीं करना चाहिए. यदि कोई करदाता पहले टैक्स भरेगा तो उसके बैंक खाते में पहले रिफंड का पैसा आएगा. इतना ही नहीं यदि आईटीआर फॉर्म भरने में कोई गलती हो गई है तो आप समय रहते उसमें सुधार भी कर सकते हैं. आइए जातने हैं इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए कौन-कौन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है और क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
क्या है आईटीआर
इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR एक ऐसा फॉर्म है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी कमाई और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी भरता है. इसके दायरे में सैलरी से हुई इनकम, बिजनेस या प्रोफेशन के जरिए की गई कमाई, हाउस प्रॉपर्टी के जरिए इनकम, कैपिटल गेन्स के जरिए की कमाई, लॉटरी, रॉयल्टी इनकम, डिविडेंड, डिपॉजिट पर ब्याज आदि से की गई कमाई आती है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार 7 प्रकार के आईटीआर फॉर्म (ITR Form) होते हैं. ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6, ITR-7. किसी व्यक्ति को कौन सा फॉर्म भरना होगा यह उसकी इनकम और उसके नेचर पर निर्भर करेगा.
टैक्स रिजीम का करना होगा चुनाव
किसी भी व्यक्ति को आईटीआर दाखिल करते समय नया या पुराना टैक्स रिजीम में से किसी एक का चुनाव करना होता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 115BAC में न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया है. हालांकि आप चाहें तो ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) के तहत आईटीआर फाइल कर सकते हैं, इसके लिए आपको इसे खुद से बदलना होगा. न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम दोनों में अलग-अलग टैक्स छूट और दरें मिलती हैं. आपको यह तय करना होगा कि आपके लिए कौन टैक्स रिजीम फायदेमंद है.
आईटीआर दाखिल करते समय बरतें सावधानी
टैक्सपेयर्स को आईटीआर दाखिल करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. नाम, पता, बैंक खाता, पैन कार्ड से जुड़ी जानकारी सही भरें. गलती होने पर आपका आईटीआर रिजेक्ट हो सकता है. यदि आपको कई स्रोतों से आमदनी हो रही है तो आईटीआर भरते समय इनका उल्लेख जरूर करें. आईटीआर भरने के समय Form 26AS को जरूर चेक करें. यह फॉर्म इनकम टैक्स पोर्टल पर मिल जाएगा.
इसमें आपकी TDS, टैक्स पेमेंट और अन्य कई जानकारी होती है. आपके लिए यह जांच लेना जरूरी होता है कि आपकी दी गई जानकारी और फॉर्म 26AS से मेल खाती है कि नहीं. जॉब करने वाले लोगों के लिए फॉर्म-16 एक अहम डॉक्यूमेंट होता है. फॉर्म-16 में कमाई की डिटेल्स के साथ-साथ डिडक्शन के बारे में भी जिक्र रहता है, जिनके लिए टैक्सपेयर क्लेम कर सकते हैं. आप देख लें कि इसमें दी गई आपकी कमाई की राशि से मेल खाती है या नहीं. टैक्स रिटर्न और एनुअल इनफॉरमेशन स्टेटमेंट (AIS) में दी गई डिटेल्स में फर्क नहीं होना चाहिए, वरना टैक्सपेयर को नोटिस मिल सकता है.
ITR भरने के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ती है जरूरी
1. आधार और पैन कार्ड.
2. बैंक अकाउंट डिटेल.
3. सैलरीड पर्सन के लिए फॉर्म 16.
4. टीडीएस सर्टिफिकेट.
5. टैक्स डिडक्शन के दावे के लिए इनवेस्टमेंट प्रूफ.
6. बैंकों और डाकघरों से मिले ब्याज का प्रूफ.
7. छूट क्लेम करने के लिए डोनेशन किया है तो उसकी रसीद.
8. स्टॉक ट्रेडिंग स्टेटमेंट.
9. इंश्योरेंस पॉलिसी की रसीद.
10. आधार से वैलिडेट बैंक खाता.
11. बैंक से लिया ब्याज सर्टिफिकेट सहित निवेश के अन्य डॉक्यूमेंट.