सीधे खेतों से ही पराली खरीद रही ये कंपनी, 25 रुपये प्रति बंडल कमा रहे किसान, प्रदूषण से भी छुट्टी और कमाई भी मोटी

कंपनी के कर्मचारी पवन मिश्रा ने बताया कि वे किसानों की पराली का 25 रुपये प्रति बंडल भुगतान कर रहे हैं. पराली को बंडल में बदलने से लेकर उसे प्रयागराज के नैनी स्थित प्लांट तक ले जाने का पूरा खर्च भी कंपनी खुद उठा रही है. किसानों पर कोई भार नहीं पड़ता.

Kaushambi Farmers
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST
  • 25 रुपये प्रति बंडल बिकती है पराली
  • 25 रुपये प्रति बंडल कमा रहे किसान

हर साल जब प्रदूषण बढ़ता है तो सबसे पहले ठीकरा पराली पर ही फूटता है. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. कुछ कंपनियां इसी पराली से बायोमास और कंपोज गैस बना रही हैं, जिससे किसानों को राहत, कमाई और पर्यावरण को नई उम्मीद मिल रही है.

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के किसानों को पराली जलाने की झंझट से अब राहत मिलने लगी है. बायोमास बैंक नाम की कंपनी गांव-गांव जाकर किसानों के खेतों से धान की कटाई के बाद बची पराली (फसल अवशेष) को सीधे खरीद रही है. इससे न सिर्फ किसानों को अतिरिक्त आमदनी मिल रही है, बल्कि प्रदूषण से छुटकारा भी मिल रहा है.

25 रुपये प्रति बंडल बिकती है पराली
कंपनी के कर्मचारी पवन मिश्रा ने बताया कि वे किसानों की पराली का 25 रुपये प्रति बंडल भुगतान कर रहे हैं. पराली को बंडल में बदलने से लेकर उसे प्रयागराज के नैनी स्थित प्लांट तक ले जाने का पूरा खर्च भी कंपनी खुद उठा रही है. किसानों पर कोई भार नहीं पड़ता.

पराली से बनेगी कंपोज गैस और जैविक खाद बायोमास बैंक इस पराली से कंपोज गैस (बायोगैस, LPG, CNG) और बची हुई सामग्री से जैविक खाद तैयार करती है. इससे एक तरफ ऊर्जा उत्पादन होता है, दूसरी तरफ खेती के लिए जैविक खाद भी मिलती है, जो रासायनिक खाद का विकल्प बन रहा है.

किसानों के लिए डबल फायदा
कौशांबी के किसान बुध राम पाल बताते हैं, 'सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगाई हुई है. अब कंपनी सीधे खेत में आकर पराली खरीद लेती है. इससे हमारा खेत अगले सीजन की बुआई के लिए जल्दी खाली हो जाता है और पराली बेचकर थोड़ी-बहुत कमाई भी हो जाती है.'

कई किसानों का कहना है कि पहले पराली नष्ट करने में खर्च और मेहनत दोनों लगती थी, लेकिन अब इससे आय हो रही है और खेत भी साफ मिल जाता है.

ग्रामीण इलाकों में रोजगार भी बढ़ा
बायोमास बैंक न सिर्फ पराली खरीद रही है बल्कि गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ा रही है. यह किसानों, आपूर्तिकर्ताओं और उद्योगों को जोड़कर एक सप्लाई चेन तैयार कर रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.

रिपोर्ट- अखिलेश कुमार

 

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