लोग नया फोन खरीदने से पहले 50 बार सोचते है. वह इस बात के बारे में नहीं सोचते कि फोन लें या नहीं, बल्कि उनका सोच विचार इस बात को लेकर होता है कि कौनसा फोन लें. कौनसा फोन उनके बजट में आएगा. किन फोन के फीचर ज्यादा अच्छे हैं. कौनसा फोन ज्यादा रियालबल है. ऐसे कई सवाल होते हैं जो नया फोन खरीदने से पहले उनके दिमाग में घूमते हैं.
अब इन सवालों का जवाब खोजते-खोजते वह कई वेबसाइट और यूट्यूब के वीडियो पर पहुंच जाते हैं, जहां फोन रिव्यू मौजूद होते हैं. लेकिन यहां भी एक पेंच है. दरअसल सभी फोन को रिव्यू करने वाला कोई एक शख्स नहीं, बल्कि अलग-अलग लोग मौजूद हैं. ऐसे में उनकी फोन को लेकर राय भी अलग होती है. खैर जैसे-तैसे वह फोन के फीचर जान लेते हैं, तो अब बारी आती है खरीदने की. लेकिन खरीदें तो खरीदें कहां से.
ऑनलाइन प्लैटफॉर्म
ऑनलाइन प्लैटफॉर्म जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि पर वह फोन खरीद सकते हैं. यहां तो उन्हें फोन की कीमत को डिस्काउंट के बाद दिखाया जाता है. साथ ही कई कार्ड्स से खरीदने पर एक्सट्रा डिस्काउंट मिलने का मौका होता है. कूपन कोड लगा कर थोड़ा डिस्काउंट और झोली में पड़ सकता है. साथ ही साथ यहां भी अलग-अलग फोन के फीचर को देख अपने बजट अनुसार घर बैठे फोन को मंगवाया जा सकता है.
ऑफलाइन मोड
ऑफलाइन मोड यानी जिस फोन को आपने पसंद किया है उसे अपने ही शहर में मौजूद उसके सेंटर से खरीदना. इस तरीके से फोन को खरीदने पर आपको इन हैंड एक्सपीरियंस मिलता है. यानी जिस फोन को आप खरीदना चाहते हैं वह आपके हाथों में होता है, और उसका लुक, फील और फीचर्स आप वहीं देख सकते हैं. साथ ही फोन को फाइनेंस भी करवाया जा सकता है. वो अलग बात है कि फोन को ऑनलाइन खरीने पर भी आपको ईएमआई का ऑप्शन मिलता है.
बदला खरीददारी का ट्रेंड
आईडीसी की एक रिपोर्ट कहती है कि अप्रैल से सातवें महीने तक ऑनलाइन प्लैटफॉर्म की शिपमेंट में गिरावट दर्ज की गई है. जिसका नजीता यह निकला कि उनके पास स्टॉक की कमी होने लगी और लोगों ने ऑफलाइन स्टोर्स का रुख अपना लिया. रिपोर्ट के मुताबिक ऑफलाइन स्टोर पर खरीददारी में 10 फीसद की बढ़त हुई. जिसके बाद यह मार्केट शेयर 58.10 फीसद पहुंच गया है. जबकि ऑनलाइन चैनल केवल 41.90 फीसद पर सिमट कर रह गए हैं.