Maharashtra’s new labour law: ज्यादा काम के ज्यादा पैसे? महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 10 किए, नए नियम से क्या-क्या बदलेगा?

महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को फैक्ट्री एक्ट, 1948 में बड़े बदलावों को मंजूरी दी. इन संशोधनों के तहत काम के दैनिक घंटे 9 से बढ़ाकर 12 कर दिए गए हैं.

factory workers: Photo: Unsplash
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  • नई दिल्ली ,
  • 05 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST
  • साप्ताहिक काम के घंटे और ओवरटाइम की सीमा भी बढ़ी
  • नए नियमों का दायरा फैक्ट्री से आगे

महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को फैक्ट्री एक्ट, 1948 में बड़े बदलावों को मंजूरी दी. इन संशोधनों के तहत काम के दैनिक घंटे 9 से बढ़ाकर 12 कर दिए गए हैं. इस बदलाव का मकसद उद्योगों को ज्यादा लचीलापन देना और कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय लाभ पहुंचाना बताया गया है.

काम के घंटे बढ़े, आराम के लिए नई व्यवस्था
मंत्री अधिवक्ता आकाश फुंडकर ने कहा कि ये बदलाव पारदर्शिता बढ़ाएंगे और कर्मचारियों को उचित मुआवजा मिलेगा. नए नियमों के अनुसार, सेक्शन 54 में काम के घंटे बढ़ाकर 12 कर दिए गए हैं. वहीं सेक्शन 55 में काम के दौरान 5 और 6 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे की ब्रेक का प्रावधान किया गया है.

साप्ताहिक काम के घंटे और ओवरटाइम की सीमा भी बढ़ी
सप्ताह में काम के घंटे भी बढ़ाकर 48 से 60 कर दिए गए हैं. इसके अलावा, सेक्शन 65 के तहत ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है. इसका मतलब कर्मचारियों को ज्यादा काम करने पर ज्यादा कमाई का मौका मिलेगा. लेकिन फैक्ट्री को इसके लिए सरकारी मंजूरी लेनी होगी. साथ ही, 48 घंटे की साप्ताहिक सीमा अब भी बनी रहेगी.

नए नियमों का दायरा फैक्ट्री से आगे
राज्य के श्रम सचिव आई. कुंदन ने बताया कि ये नियम केवल फैक्ट्री तक सीमित नहीं हैं, बल्कि दुकानों और निजी सेक्टर जैसे आईटी और होटल उद्योगों पर भी लागू होंगे. कुल मिलाकर, सप्ताह में अधिकतम काम के घंटे ओवरटाइम समेत 60 तक सीमित रहेंगे. इसके अलावा ओवरटाइम के लिए कर्मचारी की सहमति लेना अनिवार्य होगा. इन बदलावों को लागू करने के लिए अब राष्ट्रपति की मंजूरी और विधानसभा से कानून पारित होना बाकी है.

श्रमिक संगठन ने किया विरोध
वहीं, मजदूर नेता और कम्युनिस्ट पार्टी के अजित अभ्यंकर ने इन बदलावों को मजदूर विरोधी करार दिया है. उनका कहना है कि 12 घंटे की शिफ्ट से तीन दिन के ओवरटाइम का भुगतान खत्म हो जाएगा, जिससे मजदूरों की आमदनी कम हो सकती है. उन्होंने चेतावनी दी कि नियोक्ता इस लचीलेपन का दुरुपयोग कर सकते हैं, काम का बोझ बढ़ा सकते हैं या लागत कम करने के लिए नाइट शिफ्ट बढ़ा सकते हैं, जिससे मजदूरों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा.

कब होगा लागू, ये रहेगा इंतजार का दौर
इन संशोधनों को लागू करने के लिए अब राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ-साथ विधानमंडल से भी पारित करना होगा. इसके बाद ही महाराष्ट्र में मजदूरों के काम करने के घंटे 12 तक बढ़ेंगे और ओवरटाइम के नए नियम लागू होंगे.

नए नियमों से क्या-क्या होगा बदलाव?

फैक्ट्री एक्ट, 1948: कारखानों में काम के घंटे अब 9 से बढ़कर 12 हो जाएंगे. काम करते-करते 6 घंटे बाद ब्रेक मिलेगा, जबकि पहले यह ब्रेक 5 घंटे के बाद मिलता था. हर तिमाही में ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे से बढ़कर 144 घंटे हो जाएगी, लेकिन इसके लिए कर्मचारी की लिखित सहमति लेना जरूरी होगा. इसके अलावा, साप्ताहिक काम के घंटे 10.5 से बढ़ाकर 12 कर दिए जाएंगे.

महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम, 2017: दुकानों में काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 10 कर दिए जाएंगे. ओवरटाइम की सीमा 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे हो जाएगी और आपात स्थिति में कर्मचारियों को 12 घंटे तक काम करने की अनुमति मिलेगी. यह नियम उन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जहां 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं.

छोटे प्रतिष्ठानों के लिए राहत: जहां 20 से कम कर्मचारी हैं, वहां अब रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी, बस एक साधारण सूचना देना काफी होगा.

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