कभी 200 रुपये प्रति महीना कमाता था, फिर डिलीवरी बॉय से बना करोड़ों की कंपनी का मालिक, पढ़िए आनंद राय की कहानी

आनंद राय की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल हालातों में भी हार नहीं मानता. एक डिलीवरी बॉय से करोड़ों की कंपनी का मालिक बनने तक का उनका सफर मेहनत, लगन और सही समय पर सही फैसलों का नतीजा है.

Jaunpur Businessman
gnttv.com
  • जौनपुर ,
  • 16 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST
  • गरीबी से शुरू हुआ संघर्ष का सफर
  • बिजनेस की दुनिया में पहला कदम

क्या आपने कभी सोचा कि एक डिलीवरी बॉय, जो कभी 200-250 रुपये महीने की कमाई करता था, एक दिन करोड़ों की कंपनी का मालिक बन सकता है? यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि जौनपुर के आनंद राय की असल जिंदगी का रोमांचक सफर है. 10वीं पास आनंद ने मेहनत, लगन और हौसले के दम पर न सिर्फ अपने सपनों को हकीकत में बदला, बल्कि अपने गांव के 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार देकर उनकी जिंदगी भी संवारी. उनकी उगाई सब्जियां आज विदेशी थालियों में सज रही हैं, और उनकी कंपनी का टर्नओवर 5-6 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.

गरीबी से शुरू हुआ संघर्ष का सफर
47 साल के आनंद राय का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के सूरतपुर गांव में हुआ. उनके पिता एक साधारण किसान थे, जिनके पास फसलों को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल तक खरीदने के पैसे नहीं थे. आनंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सूरतपुर से पूरी की और 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की. लेकिन घर की आर्थिक तंगी ने उन्हें कम उम्र में ही मेहनत की राह पर धकेल दिया. आनंद बताते हैं कि नौकरी की तलाश में उन्होंने अपने गांव मेहौड़ा को छोड़ दिया और रोजगार की तलाश में निकल पड़े.

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर डिलीवरी बॉय की. उस वक्त उनकी कमाई मात्र 200-250 रुपये महीने थी. आनंद याद करते हैं कि सप्लाई चेन में काम करते हुए उन्होंने हर छोटी-बड़ी बारीकी को समझा. मुश्किल हालातों में भी उन्होंने हार नहीं मानी. मेहनत और लगन के साथ वो आगे बढ़ते गए. समय के साथ उनकी समझ और अनुभव बढ़ा, और वो बेहतर अवसरों की तलाश में कंपनियां बदलते रहे. आखिरी बार जब उन्होंने नौकरी की, तो उनकी सैलरी 50,000 रुपये महीने तक पहुंच चुकी थी. लेकिन आनंद का सपना नौकरी तक सीमित नहीं था.

बिजनेस की दुनिया में पहला कदम
आनंद ने नौकरी छोड़कर बिजनेस की दुनिया में कदम रखा. उन्होंने वेजिटेबल सप्लाई का काम शुरू किया. मेहनत के साथ-साथ किस्मत ने भी उनका साथ दिया. धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ने लगा. साल 2016 में आनंद ने एक बड़ा दांव खेला और गोजावास (GoJavas) नाम की लॉजिस्टिक्स कंपनी का अधिग्रहण किया. यह कंपनी उस समय 650 करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ देश की बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक थी. इस कदम ने आनंद को रातोंरात सिंगापुर बेस्ड एनआरआई बना दिया.

हालांकि, एनआरआई बनने के बावजूद आनंद का दिल अपनी मिट्टी से जुड़ा रहा. उन्होंने फैसला किया कि वो अपने गांव और देश के लिए कुछ करेंगे. साल 2024 में आनंद ने जौनपुर के मेहौड़ा गांव में एक मशरूम प्रोडक्शन प्लांट शुरू किया. इस प्लांट ने न सिर्फ उनकी जिंदगी को नई दिशा दी, बल्कि उनके गांव और आसपास के लोगों के लिए भी उम्मीद की किरण बन गया.

गांव की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान
आनंद का मशरूम प्रोडक्शन प्लांट आज प्रतिदिन 1 टन मशरूम का उत्पादन करता है. इस प्लांट ने गांव के करीब 100 लोगों को रोजगार दिया है. आनंद ने न सिर्फ लोगों को नौकरी दी, बल्कि उन्हें मशरूम की खेती और प्रोडक्शन से जुड़ी ट्रेनिंग भी दिलाई. आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 5-6 करोड़ रुपये के आसपास है, और आनंद का सपना इसे अगले 2-3 साल में 100 करोड़ रुपये तक ले जाने का है.

आनंद की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उनकी उगाई सब्जियां और मशरूम अब विदेशों में भी पहुंच रहे हैं. सिंगापुर, यूक्रेन और स्पेन जैसे देशों की थालियों में जौनपुर की मिट्टी की खुशबू बिखर रही है. आनंद कहते हैं, “जब मैं सोचता हूं कि मेरे गांव की सब्जियां विदेशों में खाई जा रही हैं, तो गर्व महसूस होता है.”

नए सपने, नई योजनाएं
आनंद यहीं नहीं रुकना चाहते. वो मशरूम प्रोडक्शन के बचे हुए अवशेषों से उच्च गुणवत्ता वाले फर्टिलाइजर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने इसकी टेस्टिंग लैब में कराई है, और परिणाम बेहद सकारात्मक आए हैं. आनंद का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ पैसा कमाना नहीं, बल्कि अपने गांव और समाज को आत्मनिर्भर बनाना है. वो अगले कुछ सालों में 600-700 लोगों को रोजगार देने की योजना बना रहे हैं.

आनंद राय की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल हालातों में भी हार नहीं मानता. एक डिलीवरी बॉय से करोड़ों की कंपनी का मालिक बनने तक का उनका सफर मेहनत, लगन और सही समय पर सही फैसलों का नतीजा है. आनंद कहते हैं, “अगर आप मेहनत और ईमानदारी से अपने सपनों के पीछे भागेंगे, तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं है.”

जौनपुर का यह सितारा आज न सिर्फ अपने गांव का गौरव है, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए मिसाल है जो अपने सपनों को सच करने की हिम्मत रखते हैं. 
 

(आदित्य प्रकाश की रिपोर्ट)

 

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