खुशखबरी! चार साल में सबसे कम हुआ बेरोजगारी दर, बाजार में आई 10 लाख नौकरियां

हाल ही में जारी एक आंकड़ों के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर सितंबर में गिरकर 6.43 प्रतिशत हो गई, जो चार वर्षों में सबसे कम है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि बेरोजगारी दर तेजी से गिरकर 6.43% हो गई. आंकड़ों की मानें 2018 के बाद से सबसे कम है.

नौकरियां
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST
  • बाजार में आईं 10 लाख नई नौकरियां
  • राजस्थान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी

नौकरी की तलाश करने वालों के लिए गुड न्यूज है. दरअसल एक निजी शोध फर्म की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत की बेरोजगारी दर सितंबर में गिरकर 6.43 प्रतिशत हो गई, जो चार वर्षों में सबसे कम है. दरअसल बीते कुछ दिनों में नई नौकरियों में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि बेरोजगारी दर तेजी से गिरकर 6.43% हो गई. आंकड़ों की मानें 2018 के बाद से सबसे कम है. 

बाजार में आईं 10 लाख नई नौकरियां
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2022 में लगभग 10 लाख नई नौकरियां आने के बाद बेरोजगारी की दर में कमी आई है. ग्रामीण क्षेत्रों में, बेरोजगारी दर अगस्त में 7.7% से घटकर 5.8% हो गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 7.7% रही, जो पिछले महीने 9.6% से कम थी.

नौकरी बढ़ने के पीछे क्या है कारण
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में फेस्टिव सीजन ही आर्थिक गतिविधियां बढ़ जाती है, साथ ही नौकरी में भी वृद्धि होती है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मॉनसून की बारिश के साथ-साथ सेवा क्षेत्र में तेजी से मांग बढ़ने की वजह से रोजगार भी बढ़ा है.

राजस्थान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी
आंकड़ों के अनुसार सितंबर में राजस्थान में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 23.8 फीसदी थी, इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 23.2 फीसदी, हरियाणा में 22.9 फीसदी, त्रिपुरा में 17 फीसदी, झारखंड में 12.2 फीसदी और बिहार में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक थी. 11.4 प्रतिशत पर है. भारत का आर्थिक विस्तार दुनिया में सबसे तेज दरों में से एक रहा है, लेकिन यह रोजगार पैदा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित हुआ रोजगार
गौरतलब है कि अगस्त में अनियमित बारिश हुई है. जिसके चलते बेरोजगारी दर 1 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. बारिश ने काफी हद तक बुवाई गतिविधियों को प्रभावित किया है. इससे ग्रामीण भारत में रोजगार प्रभावित हुआ है.

 

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