हरियाणा में निजी क्षेत्र की नौकरियों पर 75 प्रतिशत आरक्षण लागू, जानें किन दूसरे राज्यों में मिलता है आरक्षण

जननायक पार्टी ने ये वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी जीतती है तो राज्य के नौकरी चाहने वालों को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. अब अपने इसी दावे को पूरा करते हुए सरकार ने इसको लेकर कानून लागू कर दिया है.

हरियाणा वालों के लिए गुड न्यूज, सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का लिया फैसला
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:37 PM IST
  • जेजेपी ने किया वादा पूरा
  • बनाई गई पोर्टल हेल्पलाइन

चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे दावों और वादों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. ज्यादातर नेता-मंत्री बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कई वादे करते नजर आते हैं. इसी फेहरिस्त में हरियाणा में भाजपा के गठबंधन सहयोगी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) के एक प्रमुख ने अपनी पार्टी के किए गए वादे को पूरा कर मिसाल कायम की है. 

जेजेपी ने किया वादा पूरा
दरअसल जननायक पार्टी ने ये वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी जीतती है तो राज्य के नौकरी चाहने वालों को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. अब अपने इसी दावे को पूरा करते हुए सरकार ने इसको लेकर कानून लागू कर दिया है. इसी मामले पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि, "आज युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि अब से सभी निजी क्षेत्र की कंपनियों, संस्थानों, ट्रस्टों में हरियाणा के युवाओं को नौकरियों के लिए प्राथमिकता दी जाएगी." चौटाला ने आगे कहा कि, "इस व्यवस्था के लागू होने से निजी क्षेत्र में लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे." 

बनाई गई पोर्टल हेल्पलाइन 
इस संबंध में श्रम विभाग ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर के साथ पोर्टल भी बनाया है. कंपनियों को अब पोर्टल पर अपनी वैकेंसी दर्शानी होगी, जिस पर सरकार लगातार नजर रखेगी. पिछले साल नवंबर में, भाजपा-जजपा सरकार ने निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत नौकरी आरक्षण को लागू करने के लिए कानून को अधिसूचित किया था. इसमें 30,000 रुपये तक के सकल मासिक वेतन की ऊपरी सीमा के साथ निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षण की परिकल्पना की गई थी.

10 साल के लिए बना कानून
यह कानून 10 साल के लिए लागू होगा. इसी के चलते राज्य सरकार ने वास्तविक निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए निवास की आवश्यकता को 15 से पांच वर्ष तक कम कर दिया, ताकि किसी भी व्यक्ति को नौकरी पाने में आसानी हो.

इससे पहले भी कई राज्य उठा चुके हैं कदम
हालांकि आपको बता दें कि ये कदम उठाने वाला हरियाणा कोई पहला राज्य नहीं है. इससे पहले महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे अन्य लोगों ने पहले ही स्थानीय लोगों के लिए निजी नौकरियों को आरक्षित करने का प्रयास किया है. लेकिन इन राज्यों में कई बार कई तरह की दिक्कतें भी आई हैं.


 

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