महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के चिमूर तहसील के एक छोटे से गांव पंढरवानी में रहने वाली शालू शामराव घरात ने हर एक मुश्किल को मात देते हुए मेहनत और लगन से महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) की परीक्षा पास की है. शालू ने अनुसूचित जनजाति वर्ग से "ग्रुप सी" की परीक्षा में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. परीक्षा पास करने के बाद अब वह उद्योग निरीक्षक के पद पर अधिकारी के तौर पर काम करेंगी.
शालू के इस सफलता से पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है. शालू के गांव वापस आते ही गांववालो ने शालू का जोरदार स्वागत किया. बैंड-बाजे और गुलाल के साथ पूरे गांव में जुलूस निकाला गया. जगह-जगह गांव-चौराहे पर शालू का गांव वालो की और से स्वागत सत्कार किया गया.
मजदूरी करके पिता ने पढ़ाया
शालू के पिता एक अल्पभूधारक किसान है. मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. अपनी बेटी की ये सफलता देख पिता शामराव के आंखे भर आईं. वह भावुक होकर अपने बेटी को गले लगाकर रोने लगे. मां की ख़ुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहा. माता पिता दोनों अपनी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं.
शालू भी अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता को देती हैं. गरीबी के कारण पिता जो नहीं कर पाए उन सपनों को शालू पूरा करना चाहती थी. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा जिला परिषद स्कूल से पूरी की. फिर आनंद निकेतन कॉलेज वरोरा में अपनी जूनियर कॉलेज की शिक्षा पूरी की और ज्ञानेश कॉलेज, नवरगांव से विज्ञान स्नातक (बीएससी) पूरा किया. वर्तमान में, वह पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं. विज्ञान में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, उसने अधिकारी बनने के उद्देश्य से नेचर फाउंडेशन द्वारा चलाई जा रही प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग ली.
मेहनत से हासिल किया मुकाम
शालू की मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें ब्राइटएज फाउंडेशन की और से स्कॉलरशिप के लिए चुना गया. हर महीने उन्हें आर्थिक मदद मिली जिससे वह पुणे जैसे शहर में विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में सक्षम हुई. उन्होंने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की है. वह जीवन में कुछ सफल करना चाहती थीं और आज अपनी मेहनत से उन्होंने अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया.
(विकास राजुरकर की रिपोर्ट)