Digital library Fatehpur: ग्रामीण बच्चों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की सौगात! अब गांव में ही हाईटेक होगी पढ़ाई

फतेहपुर की डिजिटल लाइब्रेरी पहल एक मिसाल है कि कैसे सरकार और समुदाय मिलकर ग्रामीण बच्चों के भविष्य को संवार सकते हैं. यह न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ा रही है, बल्कि गांव और शहर के बीच की खाई को भी पाट रही है. 

Digital library Fatehpur
gnttv.com
  • फतेहपुर ,
  • 10 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर गांव के युवाओं को ऑनलाइन शिक्षा के लिए शहरों की ओर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जिले की 129 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा शुरू हो चुकी है, जो ग्रामीण बच्चों को हाईटेक शिक्षा का सुनहरा मौका दे रही है. 

पहले ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे किताबों, इंटरनेट, और कंप्यूटर की कमी के कारण ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह जाते थे. शहरों में लाइब्रेरी तक पहुंचने के लिए घंटों का सफर, समय की बर्बादी, और खर्चा उनकी राह में रोड़ा बनता था. लेकिन अब फतेहपुर जिले ने इस समस्या का गजब का हल निकाला है! 

पंचायती राज विभाग ने जिले की 132 न्याय पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी खोलने का बीड़ा उठाया है, जिनमें से 129 ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी पूरी तरह तैयार हो चुकी हैं. कई जगह ये लाइब्रेरी संचालन में भी आ गई हैं, और जल्द ही बाकी जगहों पर भी शुरू हो जाएंगी. इन लाइब्रेरी में बच्चों को मुफ्त इंटरनेट, कंप्यूटर, टैबलेट, पुस्तकें, फर्नीचर, और शुद्ध पेयजल जैसी सुविधाएं मिल रही हैं. बिजली की समस्या से निपटने के लिए इन्वर्टर की व्यवस्था भी की गई है, ताकि पढ़ाई में कोई रुकावट न आए.

अब पढ़ाई में मजा आता है!
फतेहपुर की इन डिजिटल लाइब्रेरी ने ग्रामीण बच्चों के लिए पढ़ाई का माहौल पूरी तरह बदल दिया है. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही सुधा साहू ने बताया, “मैं गांव में ही रहती हूं, और ये लाइब्रेरी मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं. पहले शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब यहीं सारी किताबें और इंटरनेट मिल जाता है. यहां का माहौल घर से बिल्कुल अलग है. सभी बच्चे साथ में पढ़ते हैं, जिससे मन लगता है और पढ़ाई अच्छी होती है.” सुधा की तरह सैकड़ों बच्चे अब अपने गांव में ही डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. ये लाइब्रेरी न सिर्फ किताबें उपलब्ध करा रही हैं, बल्कि बच्चों को डिजिटल शिक्षा से जोड़कर उनके सपनों को पंख दे रही हैं.

जिला पंचायत राज अधिकारी की बात
जिला पंचायत राज अधिकारी उपेंद्र राज सिंह ने बताया, “सरकार का सबसे बड़ा फोकस शिक्षा पर है. पहले ग्रामीण बच्चे शहरों में पढ़ाई के लिए जाते थे, जिसमें समय और पैसे की बर्बादी होती थी. अब ग्राम पंचायत सचिवालयों में डिजिटल लाइब्रेरी खोलकर हमने बच्चों की राह आसान कर दी है. पहले चरण में 129 ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी के लिए स्थान चुना गया, और अब ये संचालन के लिए तैयार हैं. बच्चे सुबह से 4-5 घंटे लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हैं, और इससे उनकी शिक्षा की गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार हो रहा है.” 

उन्होंने बताया कि इन लाइब्रेरी में बच्चों को न सिर्फ किताबें, बल्कि कंप्यूटर, टैबलेट, और मुफ्त इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है, ताकि वे डिजिटल युग में पीछे न रहें.

क्या है डिजिटल लाइब्रेरी की खासियत?
ये डिजिटल लाइब्रेरी केवल किताबों का भंडार नहीं हैं, बल्कि ये एक हाईटेक शिक्षा केंद्र हैं. इनमें शामिल हैं:

  • मुफ्त इंटरनेट और कंप्यूटर: ऑनलाइन कोर्स और स्टडी मटेरियल तक आसान पहुंच.
  • टैबलेट और पुस्तकें: प्रतियोगी परीक्षाओं और स्कूल की पढ़ाई के लिए जरूरी किताबें.
  • इन्वर्टर की सुविधा: बिजली की कमी से पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं.
  • शुद्ध पेयजल और फर्नीचर: बच्चों के लिए आरामदायक और स्वच्छ माहौल.

ये सुविधाएं ग्रामीण बच्चों को शहरों की तर्ज पर पढ़ाई करने का मौका दे रही हैं. अब गांव के बच्चे भी डिजिटल शिक्षा के जरिए अपनी मंजिल की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं.

ग्रामीण शिक्षा में क्रांति
फतेहपुर की इस पहल से ग्रामीण शिक्षा में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है. पहले जहां बच्चे इंटरनेट और किताबों की कमी के कारण ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रहते थे, वहीं अब डिजिटल लाइब्रेरी ने उनकी हर जरूरत पूरी कर दी है. खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए ये लाइब्रेरी किसी वरदान से कम नहीं. अब उन्हें घंटों सफर करके शहर नहीं जाना पड़ता, बल्कि अपने गांव में ही विश्व स्तरीय शिक्षा का माहौल मिल रहा है.

फतेहपुर की डिजिटल लाइब्रेरी पहल एक मिसाल है कि कैसे सरकार और समुदाय मिलकर ग्रामीण बच्चों के भविष्य को संवार सकते हैं. यह न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ा रही है, बल्कि गांव और शहर के बीच की खाई को भी पाट रही है. 

(नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट)

 

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