QS University Ranking 2026: आईआईटी दिल्ली ने लगाई लंबी छलांग, आईआईटी बॉम्बे की रैंकिंग में आई गिरावट

दुनिया में एजुकेशनल संस्थानों की रैंकिंग जारी करने वाली संस्था क्यूएस वर्ल्ड ने साल 2026 के लिए रैंकिंग जारी की है. आईआईटी दिल्ली को इस बार 123वीं रैंक हासिल हुई है. जबकि साल 2025 में आईआईटी दिल्ली को 150वीं रैंक मिली थी. इस बार भी में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) को पहला स्थान मिला है.

IIT Delhi (Photo/home.iitd.ac.in)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 की लिस्ट आ गई है. इस बार आईआईटी दिल्ली ने बड़ी छलांग लगाई है. आईआईटी दिल्ली ने 27 पायदान की छलांग लगाई है. हालांकि आईआईटी बॉम्बे की रैंकिंग में 11 पायदान की गिरावट आई है. आईआईटी मद्रास, कानपुर और खड़गपुर ने भी जगह बनाई है.

IIT दिल्ली की लंबी छलांग-
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 की लिस्ट में आईआईटी दिल्ली ने लंबी छलांग लगाई है. आईआईटी दिल्ली को इस साल 123वीं रैंक मिली है. आईआईटी ने इस बार 27 पायदान की छलांग लगाई है. साल 2025 में आईआईटी दिल्ली को 150वीं रैंक मिली थी. सबसे फेमस इंजीनियरिंग कॉलेज में शुमार आईआईटी बॉम्बे की रैंकिंग में 11 पायदान की गिरावट आई है. इस बार आईआईटी बॉम्बे को 129वीं रैंक हासिल हुई है. इसके बावजूद आईआईटी बॉम्बे देश का दूसरा सबसे ऊंची रैंकिंग वाला संस्थान है.

IIT मद्रास, कानपुर ने भी बनाई जगह-
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मुंबई के अलावा भी कई संस्थानों ने जगह बनाई है. आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर और आईआईटी खड़गपुर ने भी इस लिस्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. इन संस्थानों की रैंकिंग भारत की एजुकेशन और रिसर्च में क्षमता को दिखाता है.

MIT को मिला पहला स्थान-
इस बार भी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) को पहला स्थान मिला है. ये लगातार 13वां साल है, जब एमआईटी को पहला स्थान मिला है. जबकि लिस्ट में दूसरा स्थान इंपीरियल कॉलेज लंदन को मिला है. तीसरे नंबर पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और चौथे नंबर पर हार्वर्ड यूनिर्सिटी है. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को 5वां स्थान मिला है.

क्या है क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-
क्वाकरेली साइमंड्स हर साल क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी करता है. इसके तहत कई पैमानों पर दुनिया की यूनिर्सिटीज का मूल्यांकन किया जाता है. इसमें एकेडमिक प्रतिष्ठा, फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात, रिसर्च का प्रभाव और ग्रेजुएशन के बाद छात्रों को मिलने वाली नौकरियां शामिल हैं.

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