बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) की पार्टी वीआईपी (VIP) महागठबंधन में शामिल हो गई है. मुकेश सहनी ने 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव पर ‘पीठ में छुरा घोंपने’ का आरोप लगाया था और महागठबंधन से बाहर हो गए थे. लेकिन इस बार मुकेश सहनी ने भाजपा पर 'सीने में छुरा घोंपने' का आरोप लगाया है. मुकेश सहनी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भाजपा ने हमें उस सरकार से बाहर कर दिया जो हमारे साथ बनी थी.'
RJD ने अपने कोटे से दी 3 सीटें
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा कि मुकेश सहनी अब महागठबंधन के साथ हैं और हम महागठबंधन के सभी साथी उनका स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी ने बिहार के हित के लिए और भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि उनको साथ लेकर चले. आरजेडी 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन हम अपने कोटे से मुकेश सहनी को 3 सीटें देंगे. और ये तीन सीटें मोतिहारी, झंझारपुर और गोपालगंज है. तेजस्वी ने आगे कहा कि हम न सिर्फ लोकसभा बल्कि आने वाले विधानसभा में भी साथ में चुनाव लड़ेंगे.
बिहार महागठबंधन में किसके पास कितनी सीटें
29 मार्च को बिहार महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हुआ था. जिसमें RJD के हिस्से 26, कांग्रेस के हिस्से 9, सीपीआई (एमएल) के हिस्से 3, सीपीआई और सीपीआई (एम) के हिस्से में एक-एक सीट आई थी. अब मुकेश सहनी को तेजस्वी ने आरजेडी कोटे से 3 सीटें देने का ऐलान किया है. ऐसे में आरजेडी 23 और वीआईपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं अगर बात करें एनडीए की तो बीजेपी 17, जेडीयू 16, एलजेपी 5, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा 1-1 सीट पर चुनाव लड़ेगी.
NDA में नहीं मिल रहा था भाव
मुकेश सहनी ने कहा था कि चाहे एनडीए हो या इंडिया एलायंस जो निषाद आरक्षण को स्वीकार करेगा, इसपर सहमित देगा मैं उसके साथ जाऊंगा. हालांकि महागठबंधन में शामिल होने के पीछे की वजह सीटें ज्यादा मिलना बताया जा रहा है. खबर है कि मुकेश सहनी को एनडीए की तरफ से ज्यादा भाव नहीं मिला और 1 सीट देने की बात हो रही थी. ऐसे में मुकेश सहनी ने पाला बदलना सही समझा. महागठबंधन में मुकेश सहनी के शामिल होने पर भाजपा की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि महागठबंधन में अभी भी सीटों का पेंच फंसा हुआ है. इनके पास न नेता है, न नीति है और न नियत है. जनता इन्हें पूरी तरह नकार चुकी है.
सीट के नजरिए से फायदे में हैं सहनी
जहां एनडीए में वीआईपी को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ सकता था वहीं महागठबंधन में शामिल होने पर 3 सीटें मिली है. हालांकि राजद ने एक सीट पर अपने पसंद का उम्मीदवार उतारने की शर्त रखी है. खबर ये भी है कि जो तीन सीटें मिली है वो मुकेश सहनी की पसंद की नहीं है.