उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच गई है. पंचायत चुनाव से पहले परिसीमन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. शहरी क्षेत्रों के तेजी से विस्तार के चलते इस बार 644 क्षेत्र पंचायत वार्ड और 15 जिला पंचायत वार्ड खत्म कर दिए गए हैं. यही नहीं, प्रदेश में 501 ग्राम पंचायतें और करीब 1,700 ग्राम पंचायत वार्ड भी कम हुए हैं.
बदलाव से 42 जिले प्रभावित-
पंचायतीराज विभाग के मुताबिक, नगर पंचायतों, नगर पालिका परिषदों और नगर निगमों के सृजन व सीमा विस्तार के कारण प्रदेश के 42 जिले इस बदलाव से प्रभावित हुए हैं. इन जिलों में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत वार्डों का नया सीमांकन किया गया है. उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि सभी जिलों का डाटा अब लगभग तैयार है और जल्द इसे शासन स्तर पर अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा.
11 नई ग्राम पंचायतों का गठन-
वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में प्रदेश में 75,844 क्षेत्र पंचायत वार्ड थे, जो अब घटकर 75,200 रह गए हैं. इसी तरह जिला पंचायत वार्डों की संख्या भी 3,030 से घटकर 3,015 हो गई है. वहीं ग्राम पंचायतों की संख्या 58,195 से घटकर अब 57,694 रह गई है. कुल 512 ग्राम पंचायतें समाप्त हुई हैं, जबकि 11 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है.
मौजूदा कार्यकाल जुलाई में होगा खत्म-
प्रदेश में पंचायतों का मौजूदा कार्यकाल अगले साल मई से जुलाई के बीच समाप्त हो जाएगा. ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 26 मई, क्षेत्र पंचायतों का 19 जुलाई और जिला पंचायतों का 11 जुलाई तक रहेगा. ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई 2026 के बीच कराए जाने की पूरी तैयारी है. परिसीमन के बाद बुलंदशहर, लखनऊ, गोरखपुर, गाजियाबाद, बरेली, अलीगढ़ समेत 42 जिलों में स्थानीय समीकरणों में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.
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