अगर आपने Spotify पर The Velvet Sundown नाम का इंडी रॉक बैंड सुना है तो बहुत चांस है कि वो म्यूजिक आपको पसंद आया हो. बैंड के प्रोमोश्नल इमेज में चार लंबे बालों वाले लड़के नजर आते हैं. बिल्कुल पुराने जमाने के रॉक बैंड्स की तरह. लेकिन अगर आपको इस बैंड को देखकर या सुनकर कुछ अजीब लगा हो, तो आप अकेले नहीं हैं.
फिक्शनल बैंड है The Velvet Sundown
दरअसल सनडाउन पूरी तरह फिक्शनल बैंड है. इसमें ना कोई असली मेंबर हैं, ना कोई लाइव परफॉर्मेंस और ना ही असली बैकस्टोरी. बैंड के सारे गाने, आवाज, लिरिक्स, एल्बम आर्ट और यहां तक कि आस्टिस्ट्स की फोटो तक, सबकुछ AI से जनरेटेड हैं. इस बात को खुद Sundown ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कंफर्म किया है कि वो एक सिंथेटिक म्यूजिक प्रोजेक्ट हैं जिसे AI की मदद से तैयार किया गया है.
इस बैंड के गानों को अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग हर महीने सुन रहे हैं, लेकिन इसके साथ अब विवाद भी जुड़ गया है. सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि जब ये बैंड असली नहीं है, तो Spotify जैसे बड़े प्लेटफॉर्म इसे जगह क्यों दे रहे हैं? इससे बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई गाना नकली यानी AI से बना हुआ है, तो हम उसे पहचान कैसे सकते हैं?
असली-नकली से Spotify को फर्क नहीं
Spotify जैसी म्यूजिक स्ट्रीमिंग कंपनियों के पास अभी ऐसा कोई सख्त नियम नहीं है जो AI से बने गानों को बैन कर सके. जब तक कोई गाना कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं करता तब तक ये प्लेटफॉर्म AI के गानों को भी अपने सिस्टम में जगह देते हैं. यानी कि अगर किसी ने AI से एक नया गाना बनाया है और उसे खुद से अपलोड किया है तो Spotify उसे इंसानी गाने की तरह ही ट्रीट करता है.
कैसे पता करें कि गाना AI ने बनाया है?
अगर आप गाने के गायक या बैंड के बारे में गूगल करते हैं और आपको उनके कोई इंटरव्यू, लाइव परफॉर्मेंस, सोशल मीडिया एक्टिविटी या बैकस्टोरी नहीं मिलती, तो हो सकता है कि वो एक AI जनरेटेड म्यूजिक हो. कई बार बैंड का नाम असली जैसा लगता है लेकिन उसकी कोई जानकारी मौजूद नहीं होती, ऐसे में उस गाने का AI क्यूरेटेड होने का चांस बढ़ जाता है.
म्यूजिक को लेकर कानून क्या है?
AI-generated म्यूजिक को लेकर फिलहाल दुनिया में फिलहाल कोई कानून नहीं है. कुछ देशों में इस पर चर्चा जरूर हो रही है, लेकिन अभी तक कोई अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं बना है जो तय करे कि AI से बना म्यूजिक किसके अधिकार में आता है और क्या उसे वैध म्यूजिक माना जाए या नहीं.
AI बैंड्स और रॉयल्टी किसे मिलती है?
अगर कोई AI बैंड का गाना Spotify या Apple Music जैसे प्लेटफॉर्म पर चल रहा है, तो उससे मिलने वाली रॉयल्टी किसी मशीन को नहीं, बल्कि उस इंसान या कंपनी को जाती है जिसने उस AI टूल को इस्तेमाल किया और गाना बनाया या अपलोड किया. यानी भले ही गाना AI से बनाया गया हो लेकिन कमाई इंसान को ही होती है. मान लीजिए अगर कोई कंपनी AI Pop Band बना देती है और उसके गाने हिट हो जाते हैं, तो उससे मिलने वाला सारा पैसा उस कंपनी या कलाकार को मिलेगा जिसने यह प्रोजेक्ट डिजाइन किया था.