Happy Birthday Salman Khan: भाईजान और परिवार...सलमान खान की वो फिल्में जिसमें दिखी फैमिली बॉन्डिंग की अनोखी झलक

सलमान खान की ये फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि भारतीय परिवार की सोच, संस्कार और भावनाओं का आईना हैं.

Salman Khan birthday celebration
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST
  • भाईजान और परिवार
  • दिखी फैमिली बॉन्डिंग की अनोखी झलक
  • उनकी फिल्में सोच, संस्कार और भावनाओं का आईना हैं

Happy Birthday Salman Khan आज सलमान खान अपना 60 वां जन्मदिन मना रहे हैं. भाई जान सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा को रिश्तों और भावनाओं से परिवार तक जोड़नी की मजबूत कड़ी भी हैं. उनके करियर की कई ऐसी फिल्में हैं, जिनमें एक्शन या रोमांस से ज्यादा इंडियन फैमिली वैल्यूज को अहमियत दी गई. यही वजह है कि उनकी यह फिल्में आज भी हर उम्र के दर्शकों के दिल के करीब हैं फिर चाहे पुरानी पीढ़ी हो या आज के GenZ. सलमान के जन्मदिन के मौके पर आइए नजर डालते हैं उनकी उन फिल्मों पर, जिनमें फैमिली बॉन्डिंग की सबसे खूबसूरत झलक देखने को मिली.


बीवी हो तो ऐसी, 25 August 1988
सलमान खान के करियर की शुरुआती फिल्मों में शामिल 'बीवी हो तो ऐसी' भले ही उस दौर में उनके स्टारडम से पहले आई हो, लेकिन यह फिल्म भारतीय परिवारों की सच्चाई को बेहद करीब से दिखाती है. फिल्म की कहानी एक ऐसे घर की है, जहां बहू पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभाती है, लेकिन बदले में उसे सम्मान नहीं मिलता. सलमान खान का किरदार यहां एक समझदार, जिम्मेदार बेटे और भाई के रूप में सामने आता है, जो परिवार की गलत सोच के खिलाफ खड़ा होता है.


मैंने प्यार किया, 29 December 1989
ये सलमान खान की डेब्यू फिल्म थी, जिसने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया. अब हर कोई सलमान खान का फैन हो चुका था. इस फिल्म में सिर्फ प्रेम कहानी नहीं, बल्कि दो परिवारों के बीच भरोसे और संस्कारों की भी कहानी थी. इस फिल्म में इज्जत और रिश्तों की मर्यादा को बहुत खूबसूरत तरीके से पेश किया गया था कि कैसे प्यार और परिवार का दिल एक साथ जीता जा सकता है.

हम आपके हैं कौन, 5 August 1994
सलमान खान की यह फिल्म आज भी शादियों और पारिवारिक समारोहों की पहचान बनी हुई है. फिल्म में प्रेम और निशा की कहानी के साथ-साथ दो परिवारों के रिश्ते, संस्कार और भावनाएं बेहद सादगी से पेश की गई हैं. यह फिल्म बताती है कि कैसे प्यार और कर्तव्य के बीच संतुलन बनाकर परिवार को जोड़े रखा जा सकता है. भारतीय संस्कृति में रिश्तों की अहमियत को यह फिल्म बेहद खूबसूरती से दर्शाती है.


हम साथ-साथ हैं, 5 November 1999
यह फिल्म तो जैसे भारतीय संयुक्त परिवार की आत्मा है. सलमान खान, सैफ अली खान, मोहनीश बहल और तब्बू जैसे किरदारों के जरिए फिल्म दिखाती है कि परिवार की एकता, त्याग और समझ कितनी जरूरी होती है. कहानी उस परिवार की है, जहां गलतफहमियां आती हैं, लेकिन रिश्तों की डोर टूटने नहीं दी जाती. भारतीय घरों में माता-पिता का सम्मान, भाइयों का साथ और बहुओं की भूमिका सब कुछ इस फिल्म में बेहद करीब से दिखाया गया है.


प्रेम रतन धन पायो, 12 November 2015
इस फिल्म में सलमान खान ने एक बार फिर 'प्रेम' बनकर संस्कार और भाईचारे का संदेश दिया. कहानी शाही परिवार की है, लेकिन भावनाएं पूरी तरह भारतीय मिडिल क्लास से जुड़ी हुई लगती हैं. बड़े भाई का छोटे भाई के लिए त्याग, परिवार को जोड़ने की कोशिश और रिश्तों में भरोसा. यही इस फिल्म की जान है. यह फिल्म बताती है कि पैसा या सत्ता नहीं बल्कि रिश्ते ही असली धन होते हैं.


किसी का भाई, किसी की जान, 21 April 2023
यह फिल्म आधुनिक दौर में फैमिली बॉन्डिंग का नया रूप दिखाती है. सलमान खान का किरदार अपने भाइयों के लिए ढाल बनकर खड़ा रहता है. ये कहानी बताती है कि चाहे जमाना कितना भी बदल जाए, भाई-बहन का रिश्ता, परिवार की जिम्मेदारी और साथ आज भी उतना ही मायने रखता है. यह फिल्म आज की पीढ़ी को पारिवारिक मूल्यों से जोड़ने की कोशिश करती है.

ये भी पढ़ें 

 

Read more!

RECOMMENDED