जब लता मंगेशकर को लगा कि किशोर कुमार उनका 'पीछा' कर रहे हैं, जानिए पूरा किस्सा

स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने कई भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं. उन्होंने किशोर कुमार के साथ मिलकर कई हिट गाने गाए हैं. लेकिन उनकी पहली मुलाकात एक गलतफहमी के साथ शुरू हुई थी.

लता मंगेशकर-किशोर कुमार (फाइल फोटो)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 06 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST
  • 6 फरवरी को 92 साल की उम्र में हुआ लता मंगेशकर का निधन.
  • लता जी की किशोर कुमार के साथ पहली मुलाकात एक गलतफहमी के साथ शुरू हुई.

भारत की 'स्वर कोकिला' लता जी के सुरों का सफर आज थम गया. 92 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. पिछले कुछ दिनों से लता दीदी की तबियत ठीक नहीं थी. हालांकि, बीच में उनकी हालत में सुधार हुआ था लेकिन शन‍िवार को वह फिर से वेंटिलेटर पर थीं. आज सुबह उन्होंने इस दुनिया को अलव‍िदा कह द‍िया. भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर भारत सरकार ने दो दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. लता मंगेशकर के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज दो दिनों तक आधा झुका रहेगा. लता दीदी के न‍िधन की खबर से पूरा देश शोक की लहर में डूब गया है. 

स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने कई भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं. उन्होंने किशोर कुमार के साथ मिलकर कई हिट गाने गाए हैं. किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने मिलकर ‘तुम आ गए हो नूर आ गया है’, ‘आप की नजरों ने समझा’ जैसे कई हिट गाने गाए हैं. लोग आज भी अक्सर उनके ये मशहूर गाने गाते और गुनगुनाते हैं. हर युवा सिंगर इन दो महान गायकों की तरह सिंगिंग करने के सपने देखता है.लेकिन उनकी पहली मुलाकात एक गलतफहमी के साथ शुरू हुई क्योंकि मेलोडी क्वीन को लगा कि सिंगर उन्हें फॉलो कर रहे हैं. 

लोकल ट्रेन के एक ही डिब्बे में बैठे थे दोनों 

अपनी बुक, "लता मंगेशकर: इन हर ओन वॉयस" में डॉक्यूमेंटरी मेकर और लेखक नसरीन मुन्नी कबीर लिखती हैं कि स्वर कोकिला ने उन दिनों को याद किया जब वो पहली बार किशोर कुमार से बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो जाते समय मिली थीं. लता मंगेशकर ने कहा कि वह 1949 में 'ज़िद्दी' फिल्म में खेमचंद प्रकाश के साथ काम कर रही थीं, जब उन्होंने किशोर कुमार के साथ पहली बार काम किया. लता मंगेशकर लोकल ट्रेन से मुंबई के मलाड जा रही थीं, जहां बॉम्बे टॉकीज था. किशोर कुमार के बड़े भाई और अभिनेता अशोक कुमार बॉम्बे टॉकीज के मालिक थे. किशोर कुमार भी उसी डिब्बे में थे और लता मंगेशकर के पास बैठे थे. जिसके बाद किशोर कुमार भी मलाड स्टेशन पर उतरे थे और स्टूडियो पहुंचने तक उनके पीछे-पीछे चल रहे थे. 

लता जी ने सोचा कि किशोर कुमार उनका पीछा कर रहे हैं

कबीर को नियोगी बुक्स द्वारा प्रकाशित बुक के लिए पूरी कहानी बताते हुए लता मंगेशकर ने बताया, "मैं ग्रांट रोड से मलाड के लिए ट्रेन लेती थी और एक दिन किशोर दा अगले स्टॉप पर चढ़ गया. मुझे लगा कि वह बहुत परिचित लग रहे हैं और सोचा कि वो कौन हैं. हम दोनों मलाड में उतरे. बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो स्टेशन से बहुत दूर था और उस दिन मैंने तांगा लेने का फैसला किया. और किशोर दा ने भी तांगा लिया." जिसके बाद लता मंगेशकर ने सोचा कि किशोर कुमार उनका पीछा कर रहे हैं और संगीतकार खेमचंद प्रकाश से शिकायत की. 

संगीतकार खेमचंद प्रकाश से की शिकायत

लता जी ने पूरा किस्सा याद करते हुए आगे बताया, "हम साथ-साथ चल पड़े और आखिर में हम दोनों स्टूडियो में दाखिल हो गए. मैंने मन ही मन सोचा, यहां  कुछ अजीब हो रहा है. यह साथी मेरा पीछा कर रहा है. मैंने खेमचंद जी से पूछा कि अंकल यह लड़का कौन है? वह मेरा पीछा कर रहा है." जिसके बाद प्रकाश जी ने उनका भ्रम दूर किया और हंसते हुए कहा, 'वह किशोर है. अशोक कुमार का भाई.' लता जी ने बताया कि इसके बाद उसी दिन हमने अपना पहला गाना 'ये कौन आया रे कर के सोलह शृंगार' रिकॉर्ड किया. 

दोनों ने साथ गाए हैं कई यादगार गाने 

लता दीदी और किशोर कुमार ने देव आनंद, कामिनी कौशल और प्राण अभिनीत फिल्म 'जिद्दी के लिए अपना पहला गाना "ये कौन आया रे" एक साथ रिकॉर्ड किया. दोनों महान सिंगर्स ने गाइड (1965) फिल्म का 'गाता रहे मेरे दिल', आराधना (1969) का 'कोरा कागज था ये मन मेरा', अजनबी से "हम दोनों दो प्रेमी", आंधी (1975) से 'तेरे बिना जिंदगी से' और सिलसिला (1981) से 'देखा एक ख्वाब' जैसे यादगार गीत साथ गाए हैं. 

 

 

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