दुनिया के छह विश्वविद्यालयों की डिग्री होल्डर लता मंगेशकर, कभी नहीं गई थीं स्कूल

स्कूल के पहले दिन ही लता मंगेशकर बच्चों को गायन सिखा रही थीं, और जब उनके टीचर उन्हें ऐसा करने से रोका तो वो नाराज हो गई. उसके बाद वो कभी दोबारा स्कूल नहीं गई.

दुनिया के छह विश्वविद्यालयों की डिग्री होल्डर लता मंगेशकर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST
  • भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं लता
  • पिता के देहांत के बाद लता पर आई जिम्मेदारी

स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज 92 साल की उम्र में निधन हो गया.  सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. उनके निधन से ना सिर्फ बॉलीवुड जगत बल्कि पूरे देश-दुनिया में शोक की लहर है. ये बात शायद बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन लता मंगेशकर एक भी क्लास स्कूल में नहीं पढ़ीं हैं, उसके बावजूद उन्हें 6 विश्वविद्यालयों से उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई है.

भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं लता
लता मंगेशकर अपने पांच बाई बहनों में सबसे बड़ी थीं. वो चार बहनें थीं आशा, मीना, ऊषा और लता खुद इसके अलावा उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर है. सभी बच्चों की तरह लता ने भी पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन उनके जीवन में एक ऐसी घटना हुई जिसके बाद उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी.

इस कारण से स्कूल नहीं गई लता
दरअसल स्कूल के पहले दिन ही लता मंगेशकर बच्चों को गायन सिखा रही थीं, और जब उनके टीचर उन्हें ऐसा करने से रोका तो वो नाराज हो गई. उसके बाद वो कभी दोबारा स्कूल नहीं गई. इतना ही नहीं लता अपनी छोटी बहन आशा को भी अपने साथ स्कूल ले जाया करती थीं, लेकिन इसकी अनुमति नहीं थी. जब उन्हें बहन को अपने साथ स्कूल जाने से रोका गया तो उसने अगले दिन स्कूल छोड़ दिया.  

पिता के देहांत के बाद लता पर आई जिम्मेदारी
लता का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर के मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ. लता मंगेशकर के पिता का निधन 1942 में हुआ जब उनकी उम्र 13 साल थी. इस हादसे के बाद लता के परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. परिवार में सबसे बड़ा होने के कारण कमाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर थी.

लता के पास थीं दुनिया के छह विश्वविद्यालयों की डिग्री 
लता ने भले ही पढ़ाई ना की हो, या स्कूल ना जाने का उनका कोई भी कारण हो, लेकिन जितनी डिग्री लता के पास थी, उतनी डिग्री अच्छे खासे पढ़े लिखे लोगों के पास नहीं होती है. लता मंगेशकर को  दुनिया के छह विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की डिग्री दी है. अपने पूरे करियर के दौरान उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. पूरे जीवनकाल में उन्हें राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां मिलीं हैं.

 

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