संघर्षों ने बनाया Nawazuddin Siddiqui को सिनेमा का बेहतरीन एक्टर, कभी दो वक्त की रोटी भी नहीं होती थी नसीब

नवाजुद्दीन सिद्दीकी को आज जो मिला है उसके बारे में तो उन्होंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था. नवाजुद्दीन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1999 में आई फिल्म 'सरफरोश' से की.

Nawazuddin Siddiqui
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2022,
  • अपडेटेड 9:11 AM IST
  • नवाजुद्दीन सिद्दीकी का आज जन्मदिन है
  • छोटे-मोटे रोल कर बनाई पहचान
  • 48 साल के हुए अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी

किरदार को जीना और उसमें ऐसी जान फूंक देना कि सामने वाला कह उठे कि इससे बेहतर इस रोल को कोई और नहीं निभा सकता, ये खासियत है हिंदी सिनेमा के एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की. नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. नवाज का जन्म 19 मई 1974 को उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से कस्बे बुढ़ाना में हुआ था. उनके सात भाई और दो बहनें हैं. नवाजुद्दीन ने एक लंबे संघर्ष के बाद बॉलीवुड में अपनी एक अलग जगह बनाई है.

सेल्समैन बनकर चलाते थे घर खर्च

नवाजुद्दीन को आज जो लोकप्रियता हासिल हुई है उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. अपने स्ट्रगल के दिनों में नवाज ने वॉचमैन की नौकरी की तो कभी सेल्समैन बन घर-घर जाकर मसाले बेचे. ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद नवाजुद्दीन मुंबई पहुंच गए. हालांकि वो कभी हीरो मुंबई नहीं आए थे. बल्कि वो तो महज टीवी में ही काम करना चाहते थे.

सी ग्रेड फिल्मों में भी किया काम

कई ऑडिशन देने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो उन्होंने खर्च चलाने के लिए सी ग्रेड फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया.  नवाजुद्दीन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1999 में आई फिल्म 'सरफरोश' से की. शुरुआत में नवाज को फिल्मों में तो काम मिलता था लेकिन उससे खर्च नहीं निकल पाता था. 

सूरत को लेकर मिले ताने

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की शक्ल-सूरत किसी भी आम भारतीय जैसी है, लेकिन उनकी अदाकारी के हुनर का डंका पूरी दुनिया में बजता है. लेकिन एक समय ऐसा था जब उनकी सूरत को लेकर लोग ताने मारते थे. नवाज ने एक इंटरव्यू में बताया था, लोग मुझे कहते थे- न शक्ल है न सूरत है न हाइट है, चले आए हीरो बनने.

छोटे-मोटे रोल कर बनाई पहचान

फिल्मों में आने के बाद भी नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने वेटर, चोर, गुंडा और मुखबिर जैसी छोटी-छोटी भूमिकाओं को करने में भी कोई शर्म महसूस नहीं की. शूल, मुन्ना भाई एमबीबीएस में उन्होंने बेहद ही छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाई. अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर नवाज के करियर के लिए बड़ा ब्रेक साबित हुई. इस फिल्म से वह बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे. फिर लंचबॉक्स, तलाश, किक, बजरंगी भाईजान, मंटो, मांझी, तलाश और बदलापुर जैसी फिल्मों ने जादू सा कर दिया. 

वर्सोवा स्थित बंगले में रहते हैं नवाजुद्दीन

नवाज बताते हैं जब उनकी फिल्म कहानी रिलीज हुई तब उनके माता पिता चालीस किलोमीटर बस से यात्रा कर अपने बेटे को बिग स्क्रीन पर देखने आए थे. आज नवाजुद्दीन सिद्दीकी इंडस्ट्री के सबसे व्यस्त एक्टर्स में से एक हैं, न सिर्फ फिल्में वह अपने दम पर वेब सीरीज भी हिट कराने की क्षमता रखते हैं. नवाजुद्दीन वर्सोवा स्थित बंगले में रहते हैं, हाल ही में उन्होंने इस घर की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर शेयर की थीं, नवाज जिस घर में अब रहते हैं उसका बाथरूम भी उनके पुराने घर से बहुत बड़ा है.

 

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