Success Story: बचपन से देख नहीं पाती IAS  आयुषी डबास, KBC में जीते 25 लाख रुपए

आईएएस आयुषी डबास कौन बनेगा करोड़पति में पहुंची. उन्होंने 25 लाख रुपए भी जीते. आयुषी डबास एसडीएम हैं. वो 100 फीसदी दृष्टिबाधित हैं. आयुषी ने अपने जीवन में संघर्ष के दम पर कई सफलता हासिल की. पहले वो टीचर बनी, इसके बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की.

IAS Ayushi Dabas (Photo/Instagram)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

हर किसी की जिंदगी आसान नहीं होती, कुछ लोगों के हिस्से में ऐसे संघर्ष आते हैं जो दूसरों को तोड़ देते हैं, लेकिन वही संघर्ष किसी को मजबूत भी बना देते हैं. दिल्ली की आयुषी डबास की कहानी इसी बात का जीवंत उदाहरण है. बचपन से ही उनकी आंखों की रोशनी कमजोर थी और कई लोग सोचते थे कि वह सामान्य बच्चों की तरह आगे नहीं बढ़ पाएंगी. लेकिन आयुषी ने हालात के आगे झुकने से इनकार किया.

बचपन से पढ़ाई का शौक-
आयुषी डबास बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं. स्कूल से लेकर कॉलेज तक उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें हमेशा अच्छे नंबर दिलाए. इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने सबसे कठिन मानी जाने वाली UPSC परीक्षा देने का निर्णय लिया. कई बार असफल होने के बाद भी उन्होंने ठानी और चौथे प्रयास में 48वीं रैंक हासिल कर साबित कर दिया कि मेहनत और आत्मविश्वास से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है.

IAS बन कायम की मिसाल-
आयुषी की मेहनत रंग लाई और वे IAS अफसर बनकर दिल्ली के वसंत विहार में SDM के पद पर नियुक्त हुईं. इस पद पर रहते हुए उन्होंने न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारियां निभाईं, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल कायम की.

KBC में जीते 25 लाख रुपए-
आईएस आयुषी ने अपने सपनों को और ऊँचाइयों तक पहुंचाया. हाल ही में वे टीवी के मशहूर क्विज़ शो कौन बनेगा करोड़पति में गईं. अपने ज्ञान, समझदारी और आत्मविश्वास के दम पर उन्होंने 25 लाख रुपये जीत लिए.

KBC में आयुषी की ख्वाहिश हुई पूरी-
आयुषी के लिए उनकी मां की खुशी सबसे बड़ी जीत है. उनकी मां की ख्वाहिश थी कि आयुषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमिताभ बच्चन से मिलें. KBC ने यह सपना भी पूरा किया. उनकी मां के चेहरे की मुस्कान ही आयुषी के लिए सबसे बड़ा इनाम साबित हुई.

कौन हैं IAS आयुषी-
आयुषी का जन्म 27 अगस्त 1992 को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के रानी खेड़ा में हुआ. बचपन में उनको धुंधली रोशनी दिखाई देती थी, लेकिन धीरे-धीरे वो भी कम होती गई. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई दीनबंधु सर छोटू राम पब्लिक स्कूल से हुई. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी और अंग्रेजी में बीए और इग्नू से इतिहास में एमए किया. उन्होंने साल 2019 तक कई स्कूलों में टीचिंग की.

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