कहते हैं कि मन में अगर कुछ करने की चाहत हो तो कोई चीज़ नामुमकिन नहीं होती. अलवर के खेड़ली कस्बे में रहने वाली हिमानी ने यह साबित करके दिखाया है. दृष्टिहीन होने के बाद भी 12वीं बोर्ड परीक्षा में हिमानी ने 92.4 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. हिमानी के इस कमाल की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है. कस्बे के माता-पिता अपने बच्चों को हिमानी की मिसाल दे रहे हैं.
परिवार में जश्न का माहौल
खेड़ली कस्बे की हिमानी जैन ने दृष्टिहीन होते हुए कक्षा 12वीं के कला वर्ग में उत्तीर्ण हुई. उन्होंने 92.4% अंक प्राप्त कर अपने हौसले और दृढ़ निश्चय का परिचय दिया है. उसकी इस कामयाबी पर परिवार में खुशी का माहौल है. बेटी की इस कामयाबी पर घर में माता-पिता सहित दादी और चाचा चाचा सभी ने इस खुशी में जश्न मनाया और मिठाई बांटी.
कैसे की हिमानी ने तैयारी
हिमानी ने आंखों की असमर्थता को अपने दृढ़ निश्चय और हौसले से परास्त कर दिखाया. कक्षा दसवीं में 84 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. जिसके बाद एक निजी स्कूल में 12वीं की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया और अध्यापक द्वारा कक्षा में पढ़ाई के दौरान हिमानी ने केवल सुनकर ही याद किया और अभ्यास किया.
माता-पिता का बेटी पर गर्व
इस बार 12वीं कक्षा कला वर्ग में हिमानी ने 92.4 प्रतिशत प्राप्त किए. माता-पिता और परिवार के लोगों ने पढ़ाई में उसका हौसला बढ़ाया. कस्बा निवासी उमेश जैन आइसक्रीम पार्लर का काम करते हैं. जिनकी बेटी हिमानी जन्म से ही आंखों से दिव्यांग है. हिमानी की मां पूनम जैन गृहणी हैं. उन्हें बेटी की इस कामयाबी पर बेहद खुश है. परीक्षा का परिणाम आने के बाद घर में जश्न का माहौल नजर आया.
घर पहुंच लोगों ने किया जज्बे को सलाम
परिवार घर आए लोगों को मिठाई खिला कर खुशी का इजहार कर रहा है. हिमानी आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखेंगी. हिमानी ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय माता पिता और परिवार के लोगों सहित अध्यापकों को दिया है. हिमानी के परीक्षा परिणाम की चर्चा सोशल मीडिया से लेकर गांव की चौपाल पर होने लगी है. लोग बधाई देने के लिए हिमानी के घर पहुंच रहे हैं उनकी हिम्मत और जज्बे को सलाम कर रहे हैं.
-हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट