Good News: मेधावी छात्रों के लिए डॉक्टर आए एक साथ, आईआईटी और मेडिकल में दाखिले के लिए की क्राउड फंडिंग

महाराष्ट्र के नागपुर में कुछ युवा डॉक्टर एक साथ समाज के उन जरूरतमंद छात्रों के लिए सहारा बने. ये छात्र पढ़ने में अच्छे हैं लेकिन घर की आर्थिक परिस्थिती के कारण आईआईटी और मेडिकल में प्रवेश नहीं ले पा रहे थे.

gnttv.com
  • नागपुर,
  • 17 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

महाराष्ट्र के नागपुर से एक अच्छी खबर है. यहां कुछ युवा डॉक्टर एक साथ समाज के उन जरूरतमंद छात्रों के लिए सहारा बने. ये छात्र पढ़ने में अच्छे हैं लेकिन घर की आर्थिक परिस्थिती के कारण IIT और मेडिकल में प्रवेश नहीं ले पा रहे थे.

कैसे बने जरूरतमंदों का सहारा
सेंट्रल इंडिया डॉक्टर्स एसोसिएशन ( CIDRA) के बैनर के तले नागपुर के डॉक्टर एक साथ आए और फिर अपने अन्य साथी डॉक्टर और समाज के कुछ डोनर की मदद से क्राऊड फंडिंग कर जरूरतमंद के लिए सहारा बने. इसमें शामिल डॉक्टर के नाम हैं - डॉक्टर काशिफ सईद, रियाज अमीर, मिराज शेख और आसिफ कुरेशी. ये सभी शहर के जाने माने डॉक्टर है.

जाने-माने हैं डॉक्टर
इन में से कोई कार्डियोलॉजिस्ट है, कोई डर्माटोलॉजिस्ट है, कोई क्रिटिकल केयर स्पेशालिस्ट है. इन सभी का उद्देश एक ही है और वो है समाज के उन जरूरतमंद छात्र की मदद करना जिनमे पढ़ने का जूनून तो है, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नही है.

कितने मेधावी हैं छात्र
एक छात्र को JEE मेन्स परीक्षा मे 99.966 नंबर मिले, लेकिन छात्र का परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं था. जिसके कारण छात्र IIT प्रवेश से वंचित रह गया. यह जानकारी जब इन डॉक्टर को मिली तब क्राउड फंडिंग का अभियान चलाकर पांच लाख रुपए जमा किए गए और छात्र को IIT मे प्रवेश हेतू मदद की गई. डॉक्टर क्राउड फंडिंग की मदद से उन प्रतिभाशाली छात्र को मदद करते हैं जो परीक्षा मे अच्छे नंबर जरूर लाते है लेकिन बडे संस्थांन मे बड़ी फीस जमा नहीं कर पाते हैं.
 
क्यों करते हैं छात्रों की मदद
कई बार छात्र IIT, मेडिकल में प्रवेश प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन घर मे आर्थिक परिस्थिती ठीक न होने के कारण दाखिला नहीं ले पाते. ऐसे जरूरतमंद छात्रों को क्राउड फंडिंग का सहारा लेकर ये डॉक्टर उन छात्रों की IIT, मेडिकल मे प्रवेश के लिए मदद करते है. अब तक इन डॉक्टरो ने क्राउड फंडिंग की मदद से 6-7 जरूरतमंद छात्रों को IIT, मेडिकल में प्रवेश दिलवाने में आर्थिक मदद की है.

-योगेश वसंत पांडे की रिपोर्ट

 

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