किसानों ने उठाया फसल ना बेचने ना कदम, लागत से कम मिल रहा था भाव... अब कोल्ड स्टोरेज सुविधा के बाद लोगों में खुशी की लय

लागत के मुकाबले कम भाव मिलने के कारण गुस्साए किसानों ने अपनी फसल को खेत में नष्ट करने का फैसला उठाया. यह फैसला गांव में किसी प्रकार के कोल्ड स्टोरेज ना होने के कारण उन्हें उठाना पड़ा. लेकिन अब गांव में कोल्ड स्टोरेज की समस्या दूर हो गई है. जिससे वह काफी खुश हैं.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:34 AM IST

जमशेदपुर से सटे पटमदा का इलाका कृषि प्रधान इलाका है. यहां के किसान अधिकतर सब्जी की खेती करते हैं. यहां टमाटर, कद्दू, बैगन, गोभी, फूलगोभी, बंद गोभी, मिर्ची और न जाने किस-किस सब्जी की उपज होती है. इन किसानों का एक दर्द वर्षों से साथ था. इनकी शिकायत थी कि इनके पास अपना कोई कोल्ड स्टोरेज नहीं था. जहां यह लोग अपने सामानों को स्टोर करके रख सके. जिससे उनकी सब्जियों को बचाया जा सके.

फसल को नष्ट होने के लिए खेत में छोड़ा
यहां की सब्जी गुणवत्ता के मामले में काफी ऊपर है. यहां की सब्जी झारखंड बंगाल बिहार उड़ीसा असम तक जाती है, लेकिन किसानों को उचित दाम नहीं मिलता है. इस साल यहां टमाटर ₹1 किलो बिका जो लागत मूल्य से काफी कम था. तो किसानों ने सोचा क्यों ना हम टमाटर को अपने खेतों में ही छोड़ दें. 

किसानों ने वैसा ही किया और टमाटर को खेतों में छोड़कर उसे नष्ट कर दिया. दूसरी तरफ जब फूल गोभी का समय आया तो फूल गोभी की भी इतनी उपज हुई कि फूलगोभी की बाजार में कीमत ₹2 लगी. जो कि लागत से काफी कम थी. उनके पास कोई साधन नहीं था. जिससे यह लोग इस फूलगोभी को बचाकर रख सके और इन लोगों ने खेतों में ही सब्जियों को छोड़ दिया. इस साल खेतों में छोड़ने वाली सब्जी में मुख्य रूप से टमाटर फूलगोभी बंद गोभी और खीर मुख्य रूप से रहा. 

मुख्यमंत्री ने समझी परेशानी
किसानों की हालत काफी खराब हो रही थी. यही कारण था कि उनके पास अपना कोई बाजार नहीं था और ना ही उनके पास इन सब्जियों को बचा के रखने का कोई साधन था. इन लोगों ने कई बार स्थानीय विधायक से बात की और अंत में स्थानीय विधायक के बल पर झारखंड के मुख्यमंत्री ने इन लोगों को एक कोल्ड स्टोरेज दिया. 

आज इस कोल्ड स्टोरेज में सबसे पहले एप्पल, ग्रेप्स और संतरा को रखा गया है. शुरुआती दौर है काफी तादाद में लोग यहां आकर अपने फलों को सुरक्षित रख रहे हैं. किसानों में काफी खुशी है की आने वाले दिनों में जब उनकी फसल होगी, और बाजार मूल्य कम होगा, तब यह अपनी फसलों को लाकर के कोल्ड स्टोरेज में रखेंगे. 

क्या बोले स्टोरेज के संचालक
कोल्ड स्टोरेज के संचालकों ने कहा हम शुरुआती दौर में फलों को रख रहे हैं, लेकिन हम लोग टर्की के एप्पल का बहिष्कार कर रहे हैं इस कोल्ड स्टोरेज में हम लोग तुर्की को अपने यहां नहीं रख रहे हैं. कारण यही है कि इससे हमारे देश भावना जागती है कि हम लोग बिगत दिनों भारत-पाकिस्तान युद्ध में जिस तरह से तर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया. हम लोग उसका बहिष्कार करते हैं.

यह कोल्ड स्टोरेज काफी बड़ा है और आने वाले दिनों में हम यहां आलू का संग्रह कर सकते हैं. जिस आलू के लिए हमें बंगाल और उड़ीसा पर निर्भर रहना पड़ता है. अब इस कोल्ड स्टोरेज के बनने से यहां के किसानों को अपनी आलू को यहां रखने में सुविधा होगी. यहां के किसानों का अपना कोल्ड स्टोरेज हो गया है. अब इन्हें अपने सब्जियों को खेतों में नहीं छोड़ना पड़ेगा या आने-पौने भाव में बाजार में नहीं बेचना पड़ेगा.

 

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