Heatstroke Helpline: सरकारी अस्पताल ने जारी की हीटस्ट्रोक हेल्पलाइप.. मदद के लिए डायल करें ये नंबर

बढ़ती गर्मी के चलते कौन कब सड़क पर हीटस्ट्रोक का शिकार बन बेहोश हो जाए किसे बता. ऐसे में जो लोग हीटस्ट्रोक का शिकार बन बीच सड़क पर फंस जाते है उनकी मदद के लिए आरएमएल अस्पताल ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST

गर्मियों में उत्तरी भारत में भीषण गर्मी के पूर्वानुमान के चलते, केंद्र सरकार के आधीन आने वाले राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इस नंबर से जरिए उन लोगों के बारे में सूचना दी जा सकती है, जो हीटस्ट्रोक के शिकार हो गए है, ताकि समय रहते उन तक मदद पहुंचाई जा सके.

कौन दे सकता है सूचना
आरएमएल अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अजय शुक्ला ने बताया कि किसी भी अंजान व्यक्ति द्वारा हेल्पलाइन नंबर 011-23404446 पर कॉल कर सूचना दी जा सकती है. यह नंबर उन लोगों के लिए है जो गर्मी में हीटस्ट्रोक का शिकार बन बाहर सड़क पर बेहोश हालत में पड़े हैं. इन नंबर पर कॉल कर उनके बारे में सूचित किया जा सकेगा, जिसके बाद उन तक तत्काल मदद पहुंचाई जाएगी.

हीटस्ट्रोक यूनिट की खासियत
आरएमएल अस्पताल के पास हीटस्ट्रोक यूनिट है. जो लेटेस्ट तकनीक से लैस है. जिससे हीटस्ट्रोक से बीमार मरीज़ो का इलाज किया जा सकता है. इस यूनिट को गर्मी के पूर्वानुमान को देखते हुए दोबारा चालू किया गया है.

कब होता है हीटस्ट्रोक
आरएमएल के एमरजेंसी मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड, डॉ अम्लेंदू यादव, बताते हैं कि जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेलसियस से ज्यादा हो जाता है. इस हालत में पेशेंट का शरीर अपने तापमान को काबू में नहीं रख पाता है. जिसको आम भाषा में पसीना आना कहा जाता है. इसका असर मानसिक तौर पर होता है और पेशेंट बेहोश हो जाता है.

अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो हीटस्ट्रोक के मामलों में मृत्यु दर 80 प्रतिशत तक हो सकती है. लेकिन अगर मरीज़ का समय रहते इलाज हो जाए और समय रहते इलाज मिल जाए तो मृत्यु दर को 10 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.

 

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