थायराइड के रोगियों को खान-पान पर लगातार ध्यान देने की सलाह दी जाती है. हम जो भी हर रोज खाते हैं, वह हमारे शरीर पर असर डालता है. इसलिए आप कैसा खाना खा रहे हैं, इसका ध्यान रखना जरूरी है. खास करके तब, जब आपको थायराइड की समस्या हो. कुछ रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजें थायराइड की दवाओं के असर को कम कर सकती हैं या हार्मोन बैलेंसिंग को बिगाड़ सकती हैं. थायराइड के मरीजों को कुछ चीजें खाने से बचना चाहिए. यह छह डेली फूड आइटम्स हैं जिन्हें थायराइड मरीजों को संभालकर खाना चाहिए, या संभव हो सके तो खाने से बचना चाहिए.
व्हाइट ब्रेड
आम तौर पर ली जाने वाली व्हाइट ब्रेड में ‘न्यूट्रिशनल’ लगभग न के बराबर होता है और यह रिफाइंड मैदा से बनती है. इसमें फाइबर कम पाया जाता है और खाली कैलोरी से भरी होती है. व्हाइट ब्रेड खाने से थायराइड मरीजों में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और मेटाबॉलिज्म पर गलत असर पड़ सकता है. अगर ब्रेड खाना ही है, तो आप होल-ग्रेन या ग्लूटन-फ्री ब्रेड चुन सकते हैं.
पैक स्नैक्स
स्नैक्स जैसे चिप्स, कुकीज़ आदि में ट्रांस फैट्स होता है और इन्हें ज्यादातर रिफाइंड ऑयल से बनाया जाता है. ऐसे फूड्स थायराइड के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इसके अलावा इन स्नैक्स में अक्सर आयोडीन पर असर डालने वाली चीजें होती हैं, जिनसे थायराइड हार्मोन प्रभावित हो सकता है.
मूंगफली
मूंगफली में गोइट्रोजन नाम का कंपाउंड पाया जाता है, जो थायराइड फंक्शन में बाधा डालता है. थायराइड का मरीज अगर रोज़ाना मूंगफली या मूंगफली बटर का सेवन करे, तो यह उसकी थायराइड पर नकारात्मक असर डाल सकती है. हालांकि, आप मूंगफली की जगह बादाम या अखरोट जैसी नट्स खाने का ऑप्शन चुन सकते हैं.
क्रूसिफरस सब्जियां
ब्रोकली, गोभी और फूलगोभी जैसी सब्जियां स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, लेकिन इन कच्ची सब्जियों में थायोसाइनेट नाम का तत्व पाया जाता है. ऐसी सब्जियां आयोडीन लेवल को प्रभावित करने का काम कर सकती हैं, जिससे थायराइड हार्मोन के सेल्स भी प्रभावित होते हैं. हालांकि, पका कर अगर इन्हें खाया जाए, तो इन सब्जियां का असर थायराइड पर कम पड़ता है.
खाली पेट कॉफी
कई लोग अक्सर सुबह के वक्त खाली पेट कॉफी पीना पसंद करते हैं, लेकिन थायराइड की दवा लेने वालों के लिए यह परेशानी का कारण बन सकता है. कॉफी पीने से दवा का असर कम हो सकता है और कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ सकता है. ऐसा होने पर थकान और तनाव बढ़ सकता है. कोशिश करें कि दवा लेने के 30–45 मिनट बाद ही कॉफी या हर्बल चाय का सेवन किया जाए.
टोफू और सोया प्रोडक्ट्स
सोया प्रोडक्ट्स जैसे टोफू में मौजूद आइसोफ्लावोन थायराइड हार्मोन के निर्माण में बाधा डाल सकते हैं और दवा के असर को कम कर सकते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि सोया पूरी तरह बंद करना चाहिए, लेकिन थायराइड के मरीजों को इसकी मात्रा नियंत्रित रखनी चाहिए.
थायराइड की समस्या में केवल दवा ही नहीं, भोजन का चयन भी बहुत मायने रखता है. अगर ऊपर दिए गए इन भोजन को अधिक मात्रा में खाया जाए, तो इनमें मौजूद तत्व आपके थायराइड हार्मोन पर असर डालकर आपकी दिक्कतें बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा, हल्की एक्सरसाइज और संतुलित डायट दवाओं के साथ करने से थायराइड हार्मोन को बेहतर और नियंत्रण में रखा जा सकता है.
ये भी पढ़ें