लोगों को कैंसर से जुड़ी सभी जानकारियां देगी ये किताब, रोगियों के इलाज में परिवारवालों की करेगी मदद

इस पुस्तक में हानिकारक कार्सिनोजेन्स के बारे में बताया गया है जो हमें प्रभावित करते हैं. ये किताब यह भी बताती है कि वे हमारे शरीर पर कैसे प्रभाव डालते हैं. साथ ही इसमें लाभ और हानि के साथ उपचार विकल्पों की एक सूची भी शामिल है.

Cancer
अंजनी
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST
  • कॉम्प्लेक्स कॉन्सेप्ट्स को बनाया गया है आसान
  • कैंसर के इलाज से जुड़े मनोवैज्ञानिक पहलुओं की भी दी गई है जानकारी 
  • डॉ कौशिक की हो गई है मृत्यु 
  • बुक में है तीन सेक्शन 

भारत में एक ऐसी बुक लॉन्च हुई है जो लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी. "Life after Cancer: An Essential Guide for Patients and Caregivers"  नाम की इस किताब को डॉ मृणाल कौशिक और आदित्य विग ने लिखा है. ये अपनी तरह की पहली ऐसी किताब होगी जो भारत में कैंसर ट्रीटमेंट और केयर से जुड़े सभी सवालों के जवाब देगी. कैंसर एक विशाल, जटिल विषय है, और इससे जुड़े शोध भी जटिल होते हैं. इससे जुड़े ऐसे कई कठिन शब्द हैं, जो लोगों को आसानी से समझ में नहीं आते.

कॉम्प्लेक्स कॉन्सेप्ट्स को बनाया गया है आसान 

'सारकोमा', 'एडेनोमा', 'मायलोसुप्रेशन' और 'मेटास्टेसिस' जैसे शब्द डॉक्टरों के लिए एक-दूसरे से बात करते समय कॉम्प्लेक्स कॉन्सेप्ट्स को समझाने में मदद करते हैं, लेकिन चिकित्सा में डिग्री के बिना, ऐसी शब्दावली आम आदमी के समझ से बाहर होती है. यह पुस्तक उस चिकित्सा जानकारी में से कुछ को ऐसी भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास करती है, जो आम आदमी के समझ में आ सके. पिछले कुछ वर्षों में, भारत में कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, इतना अधिक कि यह एक शहरी जीवन शैली की बीमारी में बदल गया है. हालांकि, अभी भी इस बीमारी के बारे में लोगों को पूरी जानकारी नहीं है. अक्सर रोगियों के परिवार वाले इसके बारे में जानकारी के लिए हाथ-पांव मारते रहते हैं.

कैंसर के इलाज से जुड़े मनोवैज्ञानिक पहलुओं की भी दी गई है जानकारी 

इस गाइड में, विश्व बैंक के एक कंटेंट डेवलपमेंट कंसल्टेंट, वरिष्ठ फार्माकोलॉजिस्ट डॉ कौशिक और विग ने भारतीय संदर्भ में इस बीमारी के बारे में आम गलत धारणाओं को दूर करने का प्रयास किया है. इस पुस्तक में हानिकारक कार्सिनोजेन्स के बारे में बताया गया है जो हमें प्रभावित करते हैं. ये किताब यह भी बताती है कि वे हमारे शरीर पर कैसे प्रभाव डालते हैं. साथ ही इसमें लाभ और हानि के साथ उपचार विकल्पों की एक सूची भी शामिल है. इस किताब में कैंसर के इलाज से जुड़े मनोवैज्ञानिक पहलुओं के बारे में भी बताया गया है. उदाहरण के लिए, कठिन समय के दौरान देखभाल करने वाले अपने मरीजों के साथ-साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कैसे कर सकते हैं, इस विषय में जानकारी दी गई है. 

डॉ कौशिक की हो गई है मृत्यु 

डॉ कौशिक ने नई दिल्ली में डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के साथ काम किया और इस विषय का अध्ययन करने और कैंसर से प्रभावित लोगों के साथ अपने ज्ञान को साझा करने में दशकों बिताए. कुछ साल पहले उनका निधन हो गया. ब्लूम्सबरी इंडिया द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में, ज्यादातर उनके द्वारा इकट्ठे किए गए प्रचुर नोट्स शामिल हैं, जिसमें कई खंड उनके अपने शब्दों में लिखे गए हैं. 

बुक में है तीन सेक्शन 

बुक को तीन सेक्शन में बांटा गया है. पहला कैंसर का संक्षिप्त परिचय देता है और इसको समझने के लिए जरूरी कुछ कॉन्सेप्ट्स के बारे में बताता है. इसमें कोशिका, कोशिका चक्र, डीएनए, आरएनए, म्यूटेशंस, कार्सिनोजेंस से जुड़े सवालों के जवाब दिए गए हैं. दूसरा खंड आधुनिक रोजमर्रा जीवन में पाए जाने वाले कार्सिनोजेन्स और उनसे होने वाले कैंसर के बारे में बताता है. तीसरा उपचार का संक्षिप्त विवरण देता है, जिसमें कीमोथेरेपी पर विशेष ध्यान दिया गया है.

 

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