Cancer Awareness Day: युवा पीढ़ी में क्यों बढ़ रहा कैंसर का खतरा? कौन सी आदतें सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं? डॉक्टर से जानिए

Cancer Awareness Day: कैंसर के वो छोटे-छोटे लक्षण कौन से हैं जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, और कैसे सिर्फ अपनी जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

National Cancer Day
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST
  • युवाओं में क्यों बढ़ रहा कैंसर का खतरा
  • कौन सी आदतें सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं

हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है. यह दिन हमें न सिर्फ इस जानलेवा बीमारी के बढ़ते खतरे की याद दिलाता है, बल्कि समय पर पहचान, जागरूकता और लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए इससे बचाव का संदेश भी देता है.

NICPR के डेटा के अनुसार देश में लगभग 25 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हैं. हर साल 7 लाख से ज्यादा नए कैंसर मरीज दर्ज किए जाते हैं, जबकि करीब 556400 लोगों की मौत कैंसर से जुड़ी जटिलताओं के कारण हो जाती है. धूम्रपान, शराब का सेवन, तंबाकू का अधिक उपयोग और कुछ वायरल संक्रमण कैंसर के मुख्य कारण हैं लेकिन इने बचा जा सकता है.

एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट एंड हेड ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. राकेश कुमार अग्रवाल के मुताबिक कैंसर के शुरुआती संकेतों को पहचानकर और जीवनशैली में सुधार लाकर इस बीमारी के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है. कैंसर अवेयरनेस डे पर हमने डॉ. राकेश से इस जानलेवा बीमारी से जुड़े कुछ जरूरी सवाल पूछे. 

1. कैंसर के कौन से शुरुआती लक्षण हैं जिन्हें लोग अक्सर इग्नोर कर देते हैं?
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, 'लगातार वजन कम होना, लगातार थकान रहना, न खत्म होने वाली खांसी, या शरीर में किसी भी जगह गांठ महसूस होना ये सभी ऐसे संकेत हैं जिन्हें अक्सर लोग मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यही शुरुआती लक्षण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती हैं.'

उन्होंने बताया कि खाने-पीने में बदलाव, पाचन संबंधी दिक्कतें, लाइफस्टाइल की आदतों में अचानक बदलाव, या कोई घाव जो लंबे समय तक न भरे, इन सभी पर ध्यान देना जरूरी है. कई बार मरीज तब आते हैं जब बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है, जबकि शुरुआती जांच और इलाज से कैंसर को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.

2. आज की युवा पीढ़ी में कैंसर का खतरा क्यों बढ़ रहा है? कौन सी आदतें सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं?
डॉ. अग्रवाल का कहना है कि आज की तेजी से भागती लाइफस्टाइल और अनहेल्दी आदतें कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा कर रही हैं. स्मोकिंग, वेपिंग, अत्यधिक शराब सेवन, जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कैंसर का सबसे बड़ा कारण बन रहा है.

इसके अलावा, लंबे समय तक बैठकर काम करना, मोटापा, नींद की कमी और लगातार तनाव भी कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं. अगर हम थोड़ी-थोड़ी हेल्दी आदतें अपनाना शुरू करें जैसे रोजाना 30 मिनट वॉक, समय पर सोना, और स्ट्रेस को कंट्रोल करना तो कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है.

3. कैंसर के खतरे को कम करने के लिए खानपान में क्या बदलाव जरूरी हैं?
डॉ. अग्रवाल बताते हैं, 'रंग-बिरंगे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, हल्दी, लहसुन और ग्रीन टी हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं. रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड, तला-भुना और ज्यादा चीनी वाले फूड्स का सेवन कम करना चाहिए. हाइड्रेटेड रहना, संतुलित डाइट लेना और वजन को नियंत्रित रखना शरीर को मजबूत बनाता है और कैंसर से बचाव करता है.

4. कैंसर से जूझ रहे लोगों की मदद कैसे कर सकते हैं?
डॉ. राकेश अग्रवाल के मुताबिक, कैंसर से लड़ाई में भावनात्मक समर्थन सबसे बड़ा सहारा होता है. कैंसर के मरीजों को दया नहीं, बल्कि सम्मान और सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत होती है.

अगर आप किसी मरीज की मदद करना चाहते हैं, तो उनके लिए हेल्दी खाना बनाएं, उनकी अपॉइंटमेंट्स देखें या छोटी-छोटी जिम्मेदारियां बांटना भी बड़ा फर्क ला सकता है. उन्हें यह महसूस कराएं कि वे अकेले नहीं हैं. सबसे जरूरी बात, उन्हें इलाज और फॉलोअप्स में निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करें. उन्हें बताएं कि मेडिकल साइंस इतनी आगे बढ़ चुकी है कि कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है.

 

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