मेडिकल साइंस का चमत्कार! डॉक्टरों ने लगाया शरीर में खुद घुल जाने वाला स्टेंट, कुछ ही घंटों में खड़ा हो गया मरीज

अभी तक एंजियोप्लास्टी में ब्लॉक धमनियों को खोलने के लिए छोटे गुब्बारे और मेटल के स्टेंट का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन इस नई तकनीक में मेटल की जगह ऐसा पदार्थ उपयोग किया गया है जो शरीर में घुल जाता है.

Dissolvable Stent
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:53 AM IST
  • मरीजों के लिए फायदेमंद है यह तकनीक
  • अब बिना दर्द चल पा रहा है 60 साल का शख्स

ब्रिटेन में डॉक्टरों ने एक ऐसी चिकित्सा तकनीक का सफल इस्तेमाल किया है जो हजारों लोगों के लिए नई उम्मीद बन सकती है. पहली बार यूरोप में एक मरीज के पैर में Dissolvable Stent की मदद से बचाया गया है वो भी बिना किसी स्थायी धातु के. यह तकनीक उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है जिनकी धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं और पैर काटने (amputation) तक की नौबत आ जाती है.

क्या है यह नई तकनीक
अभी तक एंजियोप्लास्टी में ब्लॉक धमनियों को खोलने के लिए छोटे गुब्बारे और मेटल के स्टेंट का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन इस नई तकनीक में मेटल की जगह ऐसा पदार्थ उपयोग किया गया है जो शरीर में घुल जाता है. यह स्टेंट शरीर में दो साल में टूटकर घुल जाता है और तीन साल में पूरी तरह गायब हो जाता है. इस दौरान शरीर की कोशिकाएं उस जगह पर नई दीवार बना लेती हैं, जिससे धमनी स्वाभाविक रूप से खुली रहती है.

कुछ ही घंटों में खड़ा हो गया मरीज
नॉर्थम्बरलैंड के रहने वाले स्टीफन लॉरी लंबे समय से Peripheral Artery Disease से जूझ रहे थे. इस बीमारी में पैरों की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं और ब्लड फ्लो रुक जाता है. स्टीफन ने पहले कई इलाज कराए, यहां तक कि हार्ट बाईपास भी हुआ लेकिन बाद में उन्होंने डॉक्टरों को सलाह पर ये स्टेंट लगवाया. अब स्टीफन के पैर में कोई दर्द नहीं है.

कितनी खतरनाक है यह बीमारी
ब्रिटेन में 60 वर्ष से ऊपर के हर पांच में से एक व्यक्ति किसी न किसी रूप में परिधीय धमनी रोग से पीड़ित है. यह खासतौर पर उन लोगों में पाया जाता है जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या मोटापा है. स्मोकिंग करने वालों में इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इस बीमारी में पैरों की नसों में प्लाक जम जाता है जिससे खून और ऑक्सीजन का प्रवाह रुक जाता है. अगर स्थिति गंभीर हो जाए, तो घाव ठीक नहीं होते और कई बार पैर काटने तक की नौबत आ जाती है.

मरीजों के लिए फायदेमंद है यह तकनीक
सफल परीक्षण के बाद यह प्रक्रिया अब लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल और लेस्टर के Glenfield Hospital में भी शुरू की जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में यह तकनीक यूरोप और एशिया में भी आम हो जाएगी. यह नई “घुलने वाली स्टेंट” तकनीक न सिर्फ सर्जरी को आसान बनाती है बल्कि मरीजों के लिए भी फायदेमंद है.

भविष्य बदल सकता है यह इलाज
यह स्टेंट कमाल का विकल्प है क्योंकि यह शरीर में घुल जाता है. इसे की-होल सर्जरी यानी बहुत छोटे छेद के जरिए डाला जाता है. यह धमनी को फिर से ब्लॉक होने से बचाता है.

 

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