scorecardresearch

World Stroke Day: वर्ल्ड स्ट्रोक डे आज, सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा? डॉक्टर से जानिए स्ट्रोक से बचाव के उपाय

सर्दी का मौसम शुरू होते ही स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है. ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण चेहरे में टेढ़ापन, शरीर के किसी हिस्से में झुनझनी, बांहों में कमजोरी, बोलने में कठिनाई आदि है.

world stroke day world stroke day
हाइलाइट्स
  • सर्दी में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा

  • ठंड में क्यों बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा?

सर्दी का मौसम हर किसी को सुहाना लगता है, लेकिन ठंड के दिनों में कई बार लापरवाही महंगी पड़ जाती है. इसलिए इस मौसम को सेहत के लिहाज से सावधानी का मौसम भी कहा जाता है. दरअसल, ठंड के मौसम में दिल से जुड़ी कई बीमारियों के साथ-साथ स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. हर साल अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है, ताकि लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा सके. इस साल की थीम है 'हर मिनट मायने रखता है' यानी ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को पहचाने और तुरंत में इलाज कराएं ताकि जल्दी रिकवरी हो सके. स्ट्रोक में मिनटों की देरी भी मरीज की जान पर भारी पड़ सकती है. 

स्ट्रोक क्या होता है?
स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग तक खून का फ्लो अचानक रुक जाता है. इससे दिमाग के किसी हिस्से को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिसके कारण ब्रेन सेल्स कुछ मिनटों में ही मरने लगते हैं. 

इस्केमिक स्ट्रोक-जब किसी खून की नली में थक्का (ब्लड क्लॉट) जम जाता है और दिमाग तक खून नहीं पहुंच पाता.

हेमरेजिक स्ट्रोक-जब कोई नस फट जाती है और ब्रेन में खून बहने लगता है.

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण 

  • चेहरे में टेढ़ापन

  • शरीर के किसी हिस्से में झुनझनी

  • बांहों में कमजोरी

  • बोलने में कठिनाई

ठंड में क्यों बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा?
यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. समीर गुप्ता बताते हैं, ठंड का तापमान शरीर के अंदर ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देता है, जिससे शरीर गर्मी को संजो कर रख सके लेकिन ऐसा होने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और खून गाढ़ा हो जाता है. यह स्थिति दिल और दिमाग दोनों पर अधिक दबाव डालती है, जिससे ब्लड क्लॉट बनने की संभावना बढ़ जाती है. यही क्लॉट आगे चलकर स्ट्रोक का कारण बन सकता है. ठंडे मौसम में बुजुर्गों और हाई ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों में स्ट्रोक का खतरा दोगुना हो जाता है.

World Stroke Day
World Stroke Day

ठंड में स्ट्रोक से कैसे बचें?
डॉ. समीर बताते हैं कि सर्दियों में स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए आप ये उपाय कर सकते हैं.

  • शरीर का कोर टेंपरेचर गर्म रखें, यानी कई लेयर में कपड़े पहनें.

  • अचानक ठंडी हवा के संपर्क से बचें, खासकर सुबह-सुबह.

  • नियमित एक्सरसाइज करें. योग, स्ट्रेचिंग या इंडोर वॉकिंग से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है.

  • फल, सब्जियां और साबुत अनाज वाला संतुलित आहार लें.

  • अल्कोहल, सिगरेट और नमकीन चीजों से दूरी बनाए रखें.

  • ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की मॉनिटरिंग करते रहें.

  • पर्याप्त नींद लें और स्ट्रेस कंट्रोल करें, क्योंकि ये दोनों सीधे दिल और दिमाग पर असर डालते हैं.

ठंड के मौसम में स्ट्रोक का खतरा कैसे कम करें?
मैरिगो एशिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो एंड स्पाइन के चेयरमैन डॉ. प्रवीण गुप्ता के मुताबिक, सर्दियों में शरीर की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड क्लॉट फंसने का खतरा बढ़ता है. साथ ही, प्लेटलेट्स चिपचिपे हो जाते हैं और ब्लड गाढ़ा हो जाता है, जिससे क्लॉट बनने की संभावना ज्यादा हो जाती है.

सर्दी में शरीर की फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है और लोग ज्यादा कैलोरी वाला, फैटी फूड खाने लगते हैं. यही वजह है कि ब्लड में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और स्ट्रोक का खतरा भी. सर्दियों में प्रदूषण भी बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक के मामलों में एक और बड़ा फैक्टर है.

डॉ. प्रवीण के मुताबिक, अगर सर्दी में आपको चेहरे का एक हिस्सा ढीला महसूस हो, बोलने में दिक्कत हो, हाथ या पैर सुन्न पड़ जाएं या चक्कर आएं, तो यह स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए, क्योंकि स्ट्रोक के इलाज में हर मिनट कीमती होता है.

सर्दियों में स्ट्रोक से बचने के आसान उपाय

  • सुबह की ठंडी हवा में बिना ऊनी कपड़ों के न निकलें.

  • गर्म पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें.

  • फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखें, लेकिन बहुत ठंड में बाहर जाने से बचें.

  • बीपी और शुगर लेवल नियमित रूप से जांचते रहें.

  • धूम्रपान और शराब से दूरी रखें.

  • तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें.