Healthy Breakfast & Balanced Diet: बीमारियों से रहना है दूर... Body को रखना है Fit और दिमाग तेज.... तो रोज करें हेल्दी ब्रेकफास्ट.... डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट्स ने बताया ये उपाय

Healthy Breakfast: डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट्स के मुताबिक हर दिन हेल्दी ब्रेकफास्ट करने से हमारे शरीर को ढेर सारे लाभ मिलते हैं. नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है क्योंकि यह पूरे दिन की ऊर्जा प्रदान करता है और ओवरइटिंग से बचाता है. 

Breakfast (Symbolic Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST
  • हेल्दी ब्रेकफास्ट में प्रोटीन्स, फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स का होना जरूरी
  • लंबे समय तक कुछ न खाने से शुगर लेवल्स में आ सकती है गिरावट

एक स्वस्थ नाश्ते में प्रोटीन, फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स का संतुलन होना चाहिए. नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है क्योंकि यह पूरे दिन की ऊर्जा प्रदान करता है और ओवरइटिंग से बचाता है. मेदांता अस्पताल की डॉक्टर नीलम मोहन, फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर अमित भार्गव, गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर मोसिन वाली और न्यूट्रिशनिस्ट कनिका खन्ना ने हेल्दी ब्रेकफास्ट के महत्व पर जोर दिया और इसपर अपनी राय साझा की.

हेल्दी ब्रेकफास्ट की बताया परिभाषा 
न्यूट्रिशनिस्ट कनिका खन्ना ने बताया कि हेल्दी ब्रेकफास्ट में प्रोटीन्स, फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स का होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स से बचना चाहिए क्योंकि ये जल्दी ब्लड शुगर रिलीज करते हैं. सही मात्रा में फैट भी शामिल होना चाहिए ताकि ब्रेकफास्ट बैलेंस्ड हो. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि केवल प्रोटीन्स खाने से किडनी पर असर पड़ सकता है.

...तो शुगर लेवल में आ सकती है गिरावट
फास्टिंग और शुगर लेवल्सडॉक्टर मोसिन वाली ने इंटरमीडिएट फास्टिंग पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कुछ न खाने से शुगर लेवल्स में गिरावट आ सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. उन्होंने यह भी बताया कि बार-बार शुगर स्पाइक्स आने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है. उन्होंने दर्शकों को सलाह दी कि खाने की मात्रा को नियंत्रित करना और समय पर खाना जरूरी है. आपको मालूम हो कि शुगर स्पाइक्स का मतलब है रक्त में ग्लूकोज के स्तर में अचानक वृद्धि. यह तब होता है जब हम बहुत अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट या चीनी का सेवन करते हैं, जिससे हमारा शरीर उन्हें ऊर्जा में बदलने के लिए तेजी से तोड़ता है, जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है.

वर्कआउट और ब्रेकफास्ट का सही समय 
डॉक्टर अमित भार्गव ने वर्कआउट से पहले और बाद में खाने का सही समय बताया. उन्होंने कहा कि वर्कआउट से पहले एक छोटा मील जैसे कि दूध या जूस लेना चाहिए ताकि ग्लाइसैनिक इंडेक्स कम न हो. उठने के दो से ढाई घंटे के भीतर ब्रेकफास्ट करना आदर्श होता है. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रेकफास्ट में प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर और मिनरल्स का संतुलन होना चाहिए.

भारतीय ब्रेकफास्ट का विकल्प
डॉक्टर नीलम मोहन ने भारतीय ब्रेकफास्ट के विकल्पों की विविधता पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इडली, मिलेट्स रोटी जैसे विकल्प हेल्दी ब्रेकफास्ट के लिए बेहतरीन हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हर दिन एक ही ब्रेकफास्ट खाना जरूरी नहीं, बल्कि विविधता बनाए रखना चाहिए. डॉ. नीलम ने बताया कि एक आदर्श ब्रेकफास्ट में पांच मुख्य तत्व कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, विटामिन और मिनरल्स होने चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय खाने में हेल्दी ब्रेकफास्ट के लिए कई ऑप्शन्स उपलब्ध हैं, जो विदेशों में कम देखने को मिलते हैं. उन्होंने स्मूथी और लिक्विड बेवरेज को शामिल करने पर भी जोर दिया ताकि संतुलित पोषण सुनिश्चित किया जा सके.

 

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