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बोटॉक्स इंजेक्शन से फैला खतरनाक रोग 'बोटुलिज़्म! जानिए क्या है यह बीमारी, कैसे फैल रही है और क्यों है यह इतना जानलेवा

बोटॉक्स और एस्थेटिक ट्रीटमेंट्स आज ग्लैमर और सोशल मीडिया के ज़माने में आम हो गए हैं, लेकिन जागरूकता और सतर्कता की कमी आपको मौत के मुंह तक पहुंचा सकती है. सस्ता, जल्दी और बिना जानकारी वाला इलाज जानलेवा हो सकता है. इसलिए अगर आप इस तरह के ट्रीटमेंट पर विचार कर रहे हैं, तो पहले पूरी जानकारी लें, प्रमाणित क्लिनिक चुनें और मेडिकल सलाह को प्राथमिकता दें.

Botox injection (Photo Credit: Unsplash) Botox injection (Photo Credit: Unsplash)

ब्रिटेन में बोटॉक्स जैसे कॉस्मेटिक इंजेक्शन से जुड़ी एक गंभीर बीमारी 'बोटुलिज़्म' (Botulism) का प्रकोप सामने आया है. UK Health Security Agency अब तक 38 मामलों की पुष्टि कर चुकी है, लेकिन Sky News की रिपोर्ट बताती है कि यह संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है. यह समस्या खासतौर पर उन लोगों में देखी गई है जिन्होंने गैरकानूनी या अवैध बोटॉक्स जैसे इंजेक्शन लगवाए थे.

क्या है बोटुलिज्म?
'बोटुलिज़्म' एक जानलेवा न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो Clostridium botulinum नामक बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न botulinum toxin से होती है. यह ज़हर इतना ताकतवर होता है कि यह मांसपेशियों को लकवा मार सकता है, जिससे व्यक्ति की बोलने, निगलने और सांस लेने की क्षमता तक खत्म हो सकती है. यह ज़हर दुनिया के सबसे शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन्स में से एक माना जाता है.

बोटॉक्स क्या है और यह कैसे काम करता है?
‘Botox’ दरअसल एक ब्रांड नाम है, जो botulinum toxin type A का एक नियंत्रित रूप होता है. यह शरीर में नसों और मांसपेशियों के बीच के सिग्नल को ब्लॉक करता है जिससे मांसपेशियों को कुछ समय के लिए ‘पैरालाइज’ किया जा सकता है. इस प्रक्रिया का इस्तेमाल आमतौर पर चेहरे की झुर्रियों को कम करने और त्वचा को जवान दिखाने के लिए किया जाता है.

लेकिन जब यही इंजेक्शन गैरकानूनी रूप से, बिना अनुमति या मेडिकल एक्सपर्ट की देखरेख में लगाए जाते हैं, तो यह जहर शरीर में फैलकर जानलेवा रूप ले सकता है.

बोटॉक्स के बाद मौत के करीब
ब्रिटेन की रहने वाली निकोला फेयरली को लगा था कि वह एक साधारण ब्यूटी ट्रीटमेंट करवा रही हैं. फेसबुक पर एक प्रतियोगिता जीतने के बाद उन्हें तीन एरिया में बोटॉक्स फ्री में दिया गया. लेकिन कुछ ही घंटों में उनकी आंखें और माथा जमने लगे. शुरुआत में उन्हें यह सामान्य प्रक्रिया लगी, लेकिन फिर उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि वे न निगल पा रही थीं, न ठीक से सांस ले पा रही थीं. अस्पताल में डॉक्टरों को लगा कि उन्हें स्ट्रोक आया है.
बाद में पता चला कि उन्हें जो इंजेक्शन दिया गया था उसमें अवैध और असुरक्षित botulinum toxin था, जिससे उन्हें बोटुलिज़्म हो गया.

ब्यूटी इंडस्ट्री की अनियमितता
ब्रिटेन ही नहीं, भारत सहित कई देशों में ब्यूटी और एस्थेटिक इंडस्ट्री लगभग अनरेगुलेटेड है. स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, बिना मेडिकल ट्रेनिंग के, फिलर्स और टॉक्सिन्स जैसे उत्पादों को इंजेक्ट कर सकता है.

Dr. Steven Land, जो पहले इमरजेंसी मेडिसिन डॉक्टर थे और अब Novellus Aesthetics Clinic चलाते हैं, ने बताया कि कई बार ऐसे सस्ते और अवैध उत्पाद विदेशों से इम्पोर्ट किए जाते हैं जिनमें मात्रा, गुणवत्ता और सुरक्षा का कोई रिकॉर्ड नहीं होता. “ये बाजार एक तरह से 'वाइल्ड वेस्ट' बन गया है,” उन्होंने कहा. “इन इंजेक्शनों में 50 यूनिट हो सकते हैं, या 5000 यूनिट – यहां तक कि ज़हर भी हो सकता है.”

कैसे पहचानें सुरक्षित और असुरक्षित बोटॉक्स इंजेक्शन?

  1. हमेशा रजिस्टर्ड क्लिनिक या अस्पताल में ही बोटॉक्स कराएं.
  2. चिकित्सक की योग्यता और अनुभव की जानकारी लें.
  3. ब्रांड का नाम और उसका लाइसेंस देखें (जैसे Botox, Dysport, Xeomin).
  4. ‘सस्ता और जल्दी’ इलाज लाल झंडी हो सकता है.

ब्यूटी ट्रीटमेंट के बाद ये लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल जाएं

  1. मांसपेशियों में कमजोरी या लकवा
  2. बोलने या निगलने में कठिनाई
  3. सांस लेने में परेशानी
  4. धुंधला दिखना या डबल विजन

बोटॉक्स और एस्थेटिक ट्रीटमेंट्स आज ग्लैमर और सोशल मीडिया के ज़माने में आम हो गए हैं, लेकिन जागरूकता और सतर्कता की कमी आपको मौत के मुंह तक पहुंचा सकती है. सस्ता, जल्दी और बिना जानकारी वाला इलाज जानलेवा हो सकता है. इसलिए अगर आप इस तरह के ट्रीटमेंट पर विचार कर रहे हैं, तो पहले पूरी जानकारी लें, प्रमाणित क्लिनिक चुनें और मेडिकल सलाह को प्राथमिकता दें.