28 साल के रवि हमेशा HIV जैसी जानलेवा बीमारी से डरते रहे हैं. उन्हें पता है इसके लिए दवाइयां उपलब्ध हैं, लेकिन उनकी कीमत बहुत ज्यादा है. इतनी महंगी दवा रवि और उनके जैसे लाखों लोगों के लिए खरीदना संभव नहीं है. लेकिन दुनिया भर में HIV से बचाव के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. अब भारत की दवा कंपनियों के जरिए लेनाकैपाविर (Lenacapavir) नाम का नई इंजेक्शन बहुत सस्ते दाम पर 100 से ज्यादा देशों में 2027 से उपलब्ध होगी. Unitaid और गेट्स फाउंडेशन ने बुधवार को इसकी घोषणा की.
यह दवा HIV की रोकथाम की दिशा में एक मील की पत्थर की तरह साबित हो सकती है. यह दवा उन लोगों के लिए खासतौर पर जीवनरक्षक है जिन्हें HIV एक्सपोजर का रिस्क ज्यादा होता है, यानी सेक्स वर्कर या ऐसे लोग एचआईवी मरीजों के इलाज या देखरेख के काम से जुड़े हैं.
क्या है यह नई दवा?
लेनाकैपाविर एक दो बार साल में लगने वाली इंजेक्शन है, जो HIV संक्रमण का खतरा 99.9% तक कम कर सकती है. इसे अमेरिका में Gilead Sciences ने Yeztugo नाम से लॉन्च किया है और इसकी कीमत सालाना करीब 28,000 डॉलर है. ये पहला ऐसा इंजेक्शन है जिसकी हर छह महीने में सिर्फ दो खुराक लेकर HIV संक्रमण होने से बचाव किया जा सकता है.
सस्ता जेनरिक वेरिएंट कब मिलेगा?
अब इसे सस्ता बनाने के लिए Unitaid और गेट्स फाउंडेशन ने भारतीय फार्मा कंपनियों के साथ साझेदारी की है. Dr. Reddy’s Laboratories, Clinton Health Access Initiative (CHA) और Wits RHI के जरिए यह दवा सालाना 40 डॉलर (लगभग 3,548 रुपये) प्रति व्यक्ति की दर से 120 देशों में दी जाएगी. शुरुआत में दवा भारत में बनाई जाएगी, लेकिन भविष्य में इसे अन्य देशों में भी तैयार करने की योजना है. यानी भारत में यह दवा सालाना लगभग 3,300 में उपलब्ध होगी.
आपको बता दें, 2010 के बाद से दुनिया भर में HIV संक्रमण को 40% तक कम किया जा चुका है, लेकिन 2024 में भी 1.3 मिलियन लोग HIV से संक्रमित हुए. इसका मतलब है कि अभी भी लाखों लोग जोखिम में हैं
जब तक जेनरिक संस्करण बाजार में नहीं आते, Gilead और Global Fund के बीच एक और समझौता इस दवा को कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए मदद करेगा. इस पहल के तहत Yeztugo का पहला शिपमेंट इस साल के आखिर तक अफ्रीकी देशों में पहुंच जाएगा.