जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल ने राजस्थान के चिकित्सा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. अस्पताल के सर्जरी विभाग ने राज्य में पहली बार दुर्लभ पेंटालून (सैडल बैग) हर्निया का सफल रोबोटिक ऑपरेशन कर दिखाया है. इस जटिल सर्जरी को अत्याधुनिक रोबोट तकनीक के माध्यम से मिनिमल चीरे और अत्यल्प रक्तस्राव के साथ सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. यह उपलब्धि न सिर्फ चिकित्सा विज्ञान में तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में उन्नत उपचार सुविधाओं की उपलब्धता को भी दिखाती है.
42 साल के मरीज का सफल ऑपरेशन-
सर्जरी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि यह ऑपरेशन 42 वर्षीय मरीज हनुमान सहाय शर्मा पर किया गया, जो 27 मई को एसएमएस अस्पताल में लेफ्ट इन्गुइनल हर्निया की समस्या के साथ भर्ती हुआ था. हनुमान शर्मा दौसा के रामगढ़ के रहने वाले हैं. मरीज की शुरुआती जांच के दौरान पता चला कि वह दुर्लभ प्रकार के पेंटालून हर्निया से पीड़ित है. इसमें डायरेक्ट एवं इनडायरेक्ट दोनों प्रकार के हर्निया एक साथ पाए जाते हैं.
इस जटिल स्थिति को ध्यान में रखते हुए सर्जरी विभाग की टीम ने समुचित जांच के बाद रोबोटिक सर्जरी के लिए हरी झंडी दी. इस मेडिकल टीम में डॉ. राजेन्द्र मांडिया, डॉ. शालू गुप्ता एवं डॉ. जीवन कांकरिया शामिल थे. यह सर्जरी रोबोटिक तकनीक से सर्जरी विभाग की यूनिट-6 के तहत की गई. यह सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभा ओम के मार्गदर्शन और निगरानी में की गई.
कई विभागों के डॉक्टरों का मिला सहयोग-
इस सर्जरी में डॉ. अमित गोयल एवं डॉ. प्रवीण जोशी की विशेष भूमिका रही, जिन्होंने पूरे ऑपरेशन के दौरान तकनीकी व चिकित्सीय सहयोग प्रदान किया. साथ ही एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. सुनील चौहान और डॉ. इंदू वर्मा ने एनेस्थीसिया प्रबंधन में महत्वपूर्ण सहयोग दिया. नर्सिंग स्टाफ से सुनील शर्मा और सायर चौधरी ने ऑपरेशन के दौरान सतत सहयोग सुनिश्चित किया.
आयुष्मान योजना के तहत ऑपरेशन-
डॉ. नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है और वह शीघ्र स्वस्थ हो रहा है. यह उन्नत रोबोटिक सर्जरी पूरी तरह से निशुल्क मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत की गई.
इस उपलब्धि में सर्जरी विभाग की यूनिट-6 की पूरी टीम का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने परिश्रम, समर्पण और तकनीकी दक्षता के साथ यह कार्य संभव बनाया. राजस्थान के चिकित्सा इतिहास में यह ऑपरेशन मील का पत्थर साबित हुआ है और यह संकेत देता है कि राज्य के सरकारी अस्पताल अब रोबोटिक तकनीक जैसी विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं को आम जनता की सेवा में लाने के लिए तत्पर हैं.
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