केवल दुख ही नहीं बल्कि ज्यादा खुशी भी ले सकती है आपकी जान, जानें क्या है हैप्पी हार्ट सिंड्रोम

यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिक की नई रिसर्च के मुताबिक, ज्यादा खुश होने से भी आपकी जान जा सकती है. इसे ताकोत्सुबो सिंड्रोम या ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम भी कहा जाता है. ज्यादा खुशी या दुख से ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी ट्रिगर हो जाता है.

Happy heart syndrome
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:53 PM IST
  • महिलाओं में होता है ज्यादा 
  • इसे ताकोत्सुबो सिंड्रोम या ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम भी कहा जाता है

आपने ‘खुशी से मर जाना’ वाली कहावत सुनी है? दरअसल, ये सच है. एक स्टडी में सामने आया है कि केवल दुःख ही नहीं बल्कि ज्यादा खुशी भी आपकी मौत का कारण बन सकती है. दरअसल, ये रिसर्च यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिक (Zurich) के शोधकर्ताओं ने की है. इसके मुताबिक, केवल दुख ही नहीं ब्लकि ज्यादा खुश होने से भी ताकोत्सुबो सिंड्रोम या जिसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम कहा जाता है, हो सकता है. 

जन्मदिन या शादी जैसे खुशी के पल भी सिंड्रोम को ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे हृदय की मांसपेशियां अचानक कमजोर हो जाती हैं.

क्या आया रिसर्च में सामने?

रिसर्च से पता चलता है कि ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी के 20 मामलों में से एक में हृदय के बाएं वेंट्रिकल के आकार में संभावित परिवर्तन- तनाव, गुस्सा या डर के बजाय खुशी के कारण होता है.

दरअसल, इस रिसर्च में नौ देशों के 485 रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया गया. जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि सिंड्रोम 96 प्रतिशत में दुखद परिस्थितियों से उत्पन्न हुआ था. लेकिन यूरोपीय हार्ट जर्नल में गुरुवार को प्रकाशित शोध में कहा गया है कि खुशी के मौकों के कारण 4 प्रतिशत लोगों में ये सिंड्रोम ट्रिगर हो गया. 

क्या है हैप्पी हार्ट सिंड्रोम?

आपको बताते चलें कि इसे हैप्पी हार्ट सिंड्रोम भी कहा जाता है. इसमें बताया गया है कि लोग बहुत अधिक खुशी से मर भी सकते हैं. इसमें और ब्रोकन-हार्ट सिंड्रोम दोनों में लगभग समान रिजल्ट आए हैं. यह मुख्य रूप से किसी व्यक्ति के दिल को प्रभावित करता है और इसीलिए ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी कहा जाता है.

महिलाओं में होता है ज्यादा 

बता दें, ताकोत्सुबो सिंड्रोम से पीड़ित 1,750 में से अधिकांश महिलाएं थीं. ये सिंड्रोम किसी व्यक्ति के सिस्टम में बढ़े हुए स्ट्रेस हॉर्मोन की वजह से ट्रिगर होता है. आमतौर पर इसका इलाज किया जा सकता है. इसमें सांस की तकलीफ और सीने में दर्द सहित कई तरह के लक्षण होते हैं जो दिल के दौरे की तरह होते हैं.

इस रिसर्च की मदद से हैप्पी हार्ट सिंड्रोम से मरने वाले लोगों पर शोध किया जा सकेगा. इसके साथ इससे बचाव के उपाय भी ढूंढे जा सकेंगे.    
 

 
 

Read more!

RECOMMENDED