दुनिया के सबसे जानलेवा वायरसों में शामिल निपाह वायरस (Nipah Virus) के खिलाफ राहत भरी खबर है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने निपाह वायरस की वैक्सीन के पहले फेज का क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है. इस ट्रायल में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई और शरीर में इम्यूनिटी पैदा करने में भी असरदार साबित हुई है. यह रिसर्च मेडिकल जर्नल The Lancet में प्रकाशित हुई है.
क्यों खतरनाक है निपाह वायरस?
निपाह वायरस की पहचान पहली बार साल 1999 में मलेशिया में हुई थी. इसके बाद भारत समेत दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों में इसके मामले सामने आते रहे हैं. यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है, खासकर फल खाने वाले चमगादड़ों से. कई मामलों में यह इंसान से इंसान में भी फैल सकता है.
निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में सांस की गंभीर समस्या और दिमाग में सूजन (एन्सेफलाइटिस) हो सकती है. इसकी मृत्यु दर 75 से 80 प्रतिशत तक बताई जाती है, इसलिए WHO ने इसे हाई-प्रायोरिटी वायरस की सूची में रखा है.
कैसी है नई वैक्सीन?
इस वैक्सीन का नाम HeV sG V रखा गया है. इसे अमेरिका के Cincinnati Children’s Hospital Medical Center के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. अभी तक निपाह वायरस के लिए कोई मंजूर वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं थी, इसलिए यह रिसर्च बेहद अहम मानी जा रही है.
कैसे हुआ ट्रायल?
फेज-1 ट्रायल में 18 से 49 साल के 192 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया. इन्हें अलग-अलग ग्रुप में बांटकर किसी को वैक्सीन की एक डोज, किसी को दो डोज और कुछ लोगों को प्लेसिबो दी गई. दोनों डोज के बीच 28 दिन का अंतर रखा गया. इसके बाद शरीर में एंटीबॉडी बनने और किसी तरह के साइड इफेक्ट पर नजर रखी गई.
क्या रहे नतीजे?
ट्रायल के नतीजे काफी सकारात्मक रहे. वैक्सीन पूरी तरह सेफ पाई गई. लोगों में सिर्फ हल्का दर्द या सूजन जैसे मामूली साइड इफेक्ट देखे गए, कोई गंभीर समस्या सामने नहीं आई. सबसे अच्छा रिजल्ट उन लोगों में दिखा, जिन्हें 100 माइक्रोग्राम की दो डोज दी गई थीं. इनमें निपाह वायरस के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी बनीं, जो लंबे समय तक बनी रहीं. वहीं, सिर्फ एक डोज से सीमित इम्यूनिटी ही बनी.
भारत के ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के विशेषज्ञों ने इस ट्रायल को मील का पत्थर बताया है और जल्द इसका फेज-2 ट्रायल शुरू हो सकता है. अगर आगे के ट्रायल भी सफल रहते हैं, तो यह वैक्सीन निपाह वायरस जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव का पहला मजबूत हथियार बन सकती है.