अगर आपको लगता है कि दांतों की सफाई सिर्फ अच्छी मुस्कान तक ही सीमित है, तो अपनी सोच बदल लें. एक नई स्टडी में सामने आया है कि मसूड़ों की सेहत सीधे दिल की सेहत से जुड़ी हुई है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) की कार्डियोवैस्कुलर डिजीज प्रिवेंशन कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मसूड़ों की बीमारी दिल की गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है. यह रिसर्च मेडिकल जर्नल Circulation में पब्लिश हुई है.
10 साल की रिसर्च का नतीजा
यह रिपोर्ट पिछले एक दशक में हुई कई स्टडीज पर आधारित है, जिनमें जेनेटिक रिसर्च, क्लीनिकल ट्रायल्स और लैब टेस्ट शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, मसूड़ों की बीमारी और दिल की धमनियों में रुकावट से होने वाली बीमारी के बीच गहरा संबंध है.
कैसे जुड़ी है मुंह और दिल की बीमारी
शोधकर्ताओं का मानना है कि जब मसूड़े संक्रमित हो जाते हैं, तो वहां से बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. ये बैक्टीरिया खून के जरिए पूरे शरीर में फैलते हैं और सूजन बढ़ाते हैं. यही सूजन धीरे-धीरे ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकती है और दिल की बीमारियों का कारण बन सकती है. खराब ओरल हाइजीन बैक्टीरिया को खून में पहुंचने का मौका देती है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
रिस्क फैक्टर ने बढ़ाई चुनौती
कई रिस्क फैक्टर दोनों बीमारियों में समान हैं. जैसे स्मोकिंग, बढ़ती उम्र, मोटापा और डायबिटीज, ये सभी मसूड़ों की बीमारी और हार्ट डिजीज दोनों का खतरा बढ़ाते हैं. इसके बावजूद, नई स्टडीज में यह संकेत मिले हैं कि मसूड़ों की बीमारी का असर दिल पर भी पड़ सकता है.
बचपन से दांतों की देखभाल जरूरी
कुछ स्टडीज में बचपन से जुड़े डेटा का भी विश्लेषण किया गया. इनमें पाया गया कि जो लोग कम उम्र से ही दांतों और मसूड़ों की सही देखभाल करते हैं, उनमें आगे चलकर दिल की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है.
रिसर्च में यह भी सामने आया कि मसूड़ों की बीमारी का इलाज कराने से ब्लड प्रेशर, अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) और सूजन से जुड़े मार्कर्स में सुधार देखा गया. ये सभी फैक्टर भविष्य में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को प्रभावित करते हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस संबंध को पूरी तरह समझने के लिए और स्टडीज की जरूरत है. खासतौर पर यह जानना जरूरी है कि मसूड़ों की बीमारी का इलाज कराने से क्या वाकई दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है.