Omicron संक्रमित होने पर परेशान होने की जरूरत नहीं, घर पर इस तरह रखें अपना ख्याल

30 जनवरी 2020 को देश में कोरोना का पहला मामला आया था तब से लेकर अबतक 3 करोड़ 63 लाख 17 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं. इस आंकड़े में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की आशंका फिर खड़ी हो गई है. फरवरी के शुरुआती दो हफ्तों के बीच पीक की आशंका भी तेज होती जा रही है. जिसके बाद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हम में से कोई लोग पहली, दूसरी या तीसरी बार भी संक्रमित हो सकते हैं. 

Covid 19
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:08 AM IST
  • डॉक्टर की सलाह से घर पर ही ठीक हो रहे ज्यादातार रोगी
  • तबीयत ब‍िगड़ने पर कोताही नहीं, डॉक्टर से तुरंत करें संपर्क
  • बहुत हल्के और मामूली होते हैं ओमिक्रॉन के लक्षण

भारत में हर द‍िन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद एक बात तो साफ है कि कोविड-19 की तीसरी लहर आ चुकी है. बस उसका आधिकारिक ऐलान ही बाकी है. तबतक ये ही हकीकत है कि फिलहाल देश में 11.17 लाख एक्टिव केस हैं. तीसरी लहर की आशंका के बीच एक्टिव केस पहली बार 11 लाख के पार पहुंचे हैं.

राहत की बात ये है कि इस बार डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट कम घातक दिख रहा है. उसकी वजह से मरीजों में हल्के लक्षण ही दिख रहे हैं. यही वजह है कि एक दिन में 2 लाख 47 हजार से ज्यादा मामले आने के बाद भी अबतक ऑक्सीजन, ICU बेड और वेंटिलेटर के लिए हाहाकर नहीं मचा है. जैसे पिछले साल अप्रैल, मई और जून महीने में देश के ज्यादातर शहरों में दिखा था. 

कोरोना संक्रमण से निपटने में जुटे डॉक्टरों का भी कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के 70 फीसदी से अधिक रोगी डॉक्टर की सलाह पर घर पर ठीक हो सकते हैं. इसलिए बेहद हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की ही सलाह दी जा रही है. हालांकि जिन लोगों को डॉक्टर ये सलाह दे रहे हैं उन्हें भी कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है ताकि उनके घर पर मौजूद स्वस्थ लोग उनकी वजह से संक्रमण की जद में न आ जाएं. इसके लिए ओमिक्रॉन के संक्रमण से जुझ रहे मरीज कुछ खास ख्याल रखें.

ओमिक्रॉन संक्रमित होने पर क्या करें?

कमरे की खिड़कियां खुली रखें
संक्रमित होने की पुष्टि होते ही मरीज को सबसे पहले वेंटिलेशन यानी हवादार कमरे में खुद को कैद करना चाहिए. यानी आइसोलेशन बहुत जरूरी है. इस दौरान वो ताजी हवा के लिए कमरे की खिड़कियों को हमेशा खुली रखे. 

घर के दूसरे स्वस्थ सदस्यों से दूर रहें
जिस कमरे में मरीज आइसोलेटेड है उस कमरे से घर के दूसरे सदस्य भी दूर रहें. संक्रमित की देखभाल 60 साल से अधिक उम्र वाले सदस्य न करें. सर्जिकल मास्क या अन्य बेहतर मास्क का उपयोग करना चाहिए.

एक ही टॉयलेट का इस्तेमाल न करें
जिस टॉयलेट को संक्रमित मरीज इस्तेमाल कर रहा है उसे परिवार के दूसरे सदस्य इस्तेमाल न करें. अगर घर में दो टॉयलेट की सुविधा नहीं है तो संक्रमित शख्स के इस्तेमाल के बाद टॉयलेट को अच्छी तरह से साफ और सैनिटाइज करें. 

अपने बर्तन अलग करवाएं
जिस बर्तन को संक्रमित मरीज इस्तेमाल कर रहा हो उसे दूसरे बर्तनों से बिल्कुल अलग यानी दूर रखें. 

खूब तरल पदार्थ पीएं
संक्रमण के दौरान मरीज को खूब आराम करना चाहिए और बहुत सारे तरल पदार्थ भी पीना चाहिए. यही नहीं कुछ घंटों के अंतराल पर कम से कम 40 सेकंड के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना चाहिए. संक्रमण रहने तक खूब आराम करें. 

दूसरे कमरों को बार-बार सैनिटाइज करवाएं
परिवार के सदस्य के संक्रमित रहने तक घर के दूसरे कमरों में बार-बार छुई जाने वाली सतहों टेबलटॉप, डोर नॉब्स और हैंडल को साबुन, डिटर्जेंट और सैनिटाइजर या गर्म पानी से साफ करें. यानी घर की हर चीज को सैनिटाइज करना जरूरी है. ताकि कोरोना वायरस को घर में मौजूद किसी स्वस्थ शख्स को संक्रमित करने का मौका नहीं मिल जाए. 

N95 मास्क का इस्तेमाल करें
एक कमरे में आइसोलेट होने के बाद भी मरीज को हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क एन-95 का इस्तेमाल करते रहना चाहिए. दरअसल हवा में भी वायरस लंबे समय तक रह सकता है. घर के दूसरे सदस्य भी मास्क लगाएं.

अपने मन से कोई दवा न लें
संक्रमित मरीज को बगैर डॉक्टर की सलाह के अपने मन से कोई दवा नहीं लेना चाहिए.

तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें
अगर मरीज को 100 डिग्री बुखार हो. सांस लेने में तकलीफ हो रही हो. ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगे, सीने में दर्द और गंभीर थकान या अन्य कोई दिक्कत होने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. यदि एक घंटे के अंदर तीन बार ऑक्सीजन स्तर 94 से कम हो तो अस्पताल जाना चाहिए. घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग नहीं करना चाहिए

पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन मापते रहें
हालात ज्यादा नहीं बिगड़े इसके लिए संक्रमित मरीज को पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन स्तर को कई बार मापना चाहिए. अगर एक घंटे के अंदर तीन बार ऑक्सीजन स्तर 94 से कम हो तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। 

लेकिन जिन मरीजों के लिए अस्पताल जाने की नौबत नहीं आती है वो सात दिन पूरे होने के बाद डॉक्टर की सलाह पर अपना होम आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं. हालांकि इसके बाद भी ठीक हुए मरीज को घर में भी मास्क पहनना जारी रखना होगा. जिस तरह कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे हालात में संक्रमितों लोगों को खुद बहुत सावधानी बरतनी होगी. ताकि उनसे स्वस्थ लोग- खासकर बच्चे और बुजुर्ग संक्रमित न हो जाएं. इसलिए अगर आप कोरोना से संक्रमित हैं या ठीक हो रहे हैं तो भी आपको इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

 

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