दिल्ली का प्रदूषण और बढ़ता तापमान लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है. इस बीच दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. अब दिल्ली में बांस से बना एक पार्क उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आया है. दरअसल, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के लिए दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) द्वारा की गई एक ताजा स्टडी में यह साफ हो गया है कि बांसेरा (Baansera) पार्क अपने घने बांस के जंगल के कारण पर्यावरण के लगभग हर पैमाने पर अन्य शहरी क्षेत्रों से कहीं बेहतर साबित हुआ है.
स्टडी में सामने आया कि बांसेरा पार्क में हवा ज्यादा साफ, तापमान कम और मिट्टी की गुणवत्ता भी बेहतर है. इतना ही नहीं DTU ने बांसरा पार्क में आने वाले लोगों के साथ सर्वे भी किया, इस सर्वे में 100 लोगों ने हिस्सा लिया. जिसमें 98 फीसदी लोगों ने माना कि पार्क के अंदर हवा ज्यादा साफ है, तापमान कम और आसपास के इलाकों की तुलना में ज्यादा आरामदायक माहौल मिलता है.
दो स्टेप में हुई रिसर्च
यह रिसर्च दो स्टेप में कुल आठ दिनों तक चली. इस दौरान वैज्ञानिकों ने यह जानने की कोशिश की कि बांस लगाने से हवा, तापमान और मिट्टी पर क्या असर पड़ा है. जहां दिल्ली के अन्य इलाकों जैसे ITO, पटपड़गंज और नेहरू नगर में AQI 321 से 327 के बीच रहा, वहीं बांसरा पार्क में यह घटकर 296 दर्ज किया गया.
अन्य क्षेत्रों की तुलना में 9.7 प्रतिशत कम तापमान
बांसेरा में तापमान अन्य हरे-भरे क्षेत्रों की तुलना में 9.7 प्रतिशत कम और शहरी क्षेत्रों की तुलना में 19.2 प्रतिशत कम था. बांसेरा में जमीन की सतह का तापमान सात प्रतिशत कम था, जो साफ तौर पर दर्शाता है कि यह क्षेत्र हीट आइलैंड प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है. बांसेरा में मिट्टी की गुणवत्ता भी अन्य पार्कों और हरे-भरे क्षेत्रों की तुलना में काफी बेहतर थी.
बांसरी का तापमान क्यों?
DTU की रिपोर्ट में बताया गया कि लोधी गार्डन और अमृत बायोडायवर्सिटी पार्क में मिली-जुली वनस्पति होने के कारण तापमान और प्रदूषण में कमी देखी गई, लेकिन बांसरी पार्क में बांस का रोपण सबसे ज्यादा असरदार साबित हुआ. बांस ने न सिर्फ हवा को ठंडा किया, बल्कि PM2.5, PM10, NO₂, SO₂ और CO जैसे प्रदूषकों को भी काफी हद तक कम किया.
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