दिल्ली के मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने ऐसा केस सॉल्व किया है, जिसे मेडिकल जगत में रेयर माना जा रहा है. 47 साल आईटी प्रोफेशनल हरीश बालूजा पिछले 27 सालों से हिप और नी जॉइंट्स की गंभीर समस्या के चलते झुकी हुई अवस्था में जिंदगी जीने को मजबूर थे. ऑस्टियोआर्थराइटिस और एंकीलूजिंग स्पोंडलाइटिस ने उनकी हालत इतनी खराब कर दी थी कि खड़ा होना और चलना लगभग असंभव हो गया था.
चार बड़े जॉइंट्स का सफल प्रत्यारोपण
मैक्स स्मार्ट अस्पताल के चेयरमैन व चीफ रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट डॉ. रमणीक महाजन की टीम ने चरणबद्ध सर्जिकल प्लान तैयार किया. पहले चरण में बाइलेटरल टोटल हिप रिप्लेसमेंट किया गया, जिससे मरीज बैठने और हलचल करने में सक्षम हुए. इसके बाद बाइलेटरल रोबोटिक टोटल नी रिप्लेसमेंट हुआ.
सर्जरी पूरी होने के कुछ ही घंटों के अंदर मरीज सीधे खड़े हो गए. यह केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे मेडिकल समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई.
27 साल से थी परेशानी
हरीश बालूजा को लगभग 27 साल पहले हल्की परेशानियां शुरू हुई थीं. शुरुआत में पेट खराब होना और बैठने में दिक्कत जैसी समस्या दिखी, लेकिन धीरे-धीरे यह विकलांगता में बदल गई. उन्होंने लंबे समय तक दर्द और झुककर चलने की मजबूरी के साथ जीवन बिताया. अब इस सर्जरी ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी है.
डॉक्टर बोले- फिल्मी सीन जैसा था सीधा खड़ा होना
डॉ. महाजन ने बताया कि, मरीज तीन महीने से ज्यादा समय तक केवल झुकी हुई स्थिति में रह पा रहे थे. सामान्य सर्जरी में ऐसे मामलों में अपेक्षित नतीजे नहीं मिलते. हमने एडवांस रोबोटिक तकनीक और सही सर्जिकल सीक्वेंस का इस्तेमाल किया. नतीजा यह रहा कि मरीज सर्जरी के कुछ घंटे बाद ही खड़े होकर चलने लगे.
अब नई शुरुआत की ओर कदम
मरीज को रीहैबिलिटेशन प्लान के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया है. फिजियोथेरेपी, वॉकर और फिर वॉकिंग स्टिक की मदद से उन्हें धीरे-धीरे सामान्य जीवन में लौटने की सलाह दी गई है. डॉक्टरों का मानना है कि 6 हफ्तों में वह आराम से चल सकेंगे और 20 दिन के भीतर कामकाज शुरू कर पाएंगे.