रिसर्च में खुलासा, कोविड-19 होने के 9 दिनों के भीतर रेमडेसिविर दिए जाने से मौत की आशंका कम

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की बेहद जरूरत थी. कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर खरीदने के लिए लोग लंबी कतारों में भी खड़े हुए. अब रेमडेसिविर को लेकर एक रिसर्च सामने आई है.

Remdesivir
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST
  • ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को ही लगता है रेमडेसिविर
  • रेमडेसिविर वायरस के बढ़ने को रोकती है.

कोरोना काल में मरीजों की जान बचाने में रेमडिसिविर इंजेक्शन बेहद कारगर रहा था. एक इजेक्शन के लिए लोग लाखों चुकाने के लिए भी तैयार हो गए थे. अब रेमडेसिविर को लेकर एक रिसर्च सामने आई है. टोक्यो मेडिकल ऐंड डेंटल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि रेमडेसिविर मृत्यु दर को कम कर सकती है.

क्या कहती है रिसर्च

रिसर्च के मुताबिक, आईसीयू में भर्ती जिन मरीज़ों को कोविड-19 के लक्षण शुरू होने के 9 दिनों के भीतर रेमडेसिविर दी गई उनमें मृत्यु की दर कम रही. रिसर्च के प्रमुख लेखक मारिको हानाफूसा ने कहा, हमने कोरोना से पीड़ित उन रोगियों में रेमडेसिविर की प्रभावशीलता की जांच करने की मांग की, जिन्हें जापान में आईसीयू में भर्ती कराया गया था. इन सभी रोगियों का निमोनिया के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड के साथ इलाज किया जा रहा था. और कुछ को ऑक्सीजन दी जा रही थी.

रेमडेसिविर को कोविड होने के 9 दिनों के भीतर दें

जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में पब्लिश इस अध्ययन में कहा गया कि रोगियों को रेमडेसिविर के साथ इलाज करने और नहीं करने के साथ विभाजित किया गया. जिन रोगियों को इलाज के दौरान रेमडेसिविर दिया गया, उनके जीवित रहने में स्पष्ट अंतर परिणाम में नजर आया. इस रिसर्च का निष्कर्ष ये रहा कि गंभीर से गंभीर कोविड से ग्रस्त रोगियों के लिए रेमडेसिविर का 9 दिनों के भीतर इस्तेमाल मृत्युदर में कमी से जुड़ा हुआ है.

ये कंपनियां बनाती हैं रेमडेसिविर

आपकी जानकारी के लिए बता दें, भारत में सात कंपनियां रेमडेसिविर का उत्पादन करती हैं. ये हैं- मायलेन, हेट्रो हेल्थ केयर, जुबलियंट, सिप्ला, डॉक्टर रेड्डी लैब, सन फार्मा, जाइडस कैडिला

क्या है रेमडेसिविर

ये एक एंटीवायरल दवा है, जिसे अमेरिका की दवा कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है. सिर्फ ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को ही रेमडेसिविर लगाए जाने की सलाह दी जाती है. सबसे पहले इसे हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस (RSV) के इलाज के लिए बनाया गया था. 50 से अधिक देशों ने कोविड-19 के इलाज में इसका इस्तेमाल किया है.

 

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