भारत समेत दुनिया के कई देश ओबैसिटी यानी मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में मोटापे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए तुर्की की सरकार ने एक अनोखा कदम उठाया है. 10 मई से शुरू हुई इस मुहिम के तहत देश भर के पब्लिक प्लेसेस जैसे मॉल, बस स्टेशन, फुटबॉल स्टेडियम और बाजारों में स्वास्थ्यकर्मियों को वजन मापने वाली मशीन के साथ खड़ा किया गया है.
ओवरवेट निकले तुर्की के मंत्री
इस पहल का लक्ष्य है कि 10 जुलाई तक 1 करोड़ तुर्की नागरिकों का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) मापा जाए. यह तुर्की की कुल आबादी का लगभग आठवां हिस्सा है. तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री केमल मेमिसओग्लू ने एक नर्सिंग सम्मेलन में खुद इस पहल का समर्थन किया. उन्होंने बताया, “हमारे समाज के 50% लोग ओवरवेट हैं. यह सीधा संकेत है कि भविष्य में वे बीमार होंगे.” दिलचस्प बात यह रही कि जब मंत्री जी खुद जांच के लिए आगे आए तो वो भी ओवरवेट निकले.
वजन ज्यादा होने पर दी जा रही सलाह
इस अभियान को Know your weight, live healthy के नारे के साथ चलाया जा रहा है, जिन नागरिकों का बीएमआई 25 से ऊपर पाया जाता है, उन्हें सरकारी ‘फैमिली हेल्थ सेंटर’ और ‘हेल्दी लाइफ सेंटर्स’ में मुफ्त डाइट काउंसलिंग और फॉलो-अप के लिए भेजा जाता है. इस प्लान के तरह जिन लोगों का वजन ज्यादा होता है उन्हें स्लिम होने की सलाह दी जा रही है.
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे आलोचना
हालांकि जहां कई लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे लोगों को सार्वजनिक तौर पर शर्मशार करने का जरिया मान रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि लोगों का सार्वजनिक स्थानों पर वजन मापना उन्हें शर्मिंदा करने का कारण बन सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तुर्की की लगभग 30% आबादी मोटापे से ग्रस्त है. वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ बीएमआई से स्वास्थ्य का आकलन करना ठीक नहीं है.
यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के डॉ. आर्या शर्मा ने कहा, “कई एथलीट भी बीएमआई के अनुसार ओवरवेट या ओबीज़ माने जाते हैं, जबकि उनकी मांसपेशियां फैट से ज्यादा होती हैं.''
लांसेट कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक मोटापे की पहचान केवल BMI से नहीं, बल्कि इससे जुड़ी बीमारियों जैसे टाइप-2 डायबिटीज के आधार पर होनी चाहिए.