बर्गर खाने से US के शख्स को हुआ अल्फा-गैल सिंड्रोम, जानिए क्या है यह बीमारी जिसका दुनिया में नहीं कोई इलाज

alpha gal syndrome: न्यू जर्सी के 47 वर्षीय व्यक्ति ने बारबेक्यू में बीफ बर्गर खाया था. घर लौटने के कुछ घंटे बाद उसे तेज उल्टियां और बेचैनी होने लगी. शुरू में परिवार को लगा कि यह फूड प्वाइजनिंग का मामला है, इसलिए इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.

US Man Dies After Eating Burger
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:17 AM IST
  • अमेरिका में पहली बार रेड मीट एलर्जी से मौत
  • बीफ बर्गर खाने के कुछ घंटे बाद शख्स ने दम तोड़ा
  • ऑटोप्सी में नहीं मिला कोई बड़ा कारण

अमेरिका में पहली बार एक व्यक्ति की मौत अल्फा-गैल सिंड्रोम (AGS) से हुई है. यह एक ऐसी एलर्जी है, जो टिक के काटने के बाद होती है और रेड मीट खाने पर शरीर में जानलेवा रिएक्शन शुरू कर देती है. यह मामला 2024 में सामने आया था. Journal of Allergy and Clinical Immunology: In Practice’ में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है.

बारबेक्यू पार्टी में बर्गर खाया था
न्यूजर्सी के 47 वर्षीय व्यक्ति ने बारबेक्यू में बीफ बर्गर खाया था. घर लौटने के कुछ घंटे बाद उसे तेज उल्टियां और बेचैनी होने लगी. शुरू में परिवार को लगा कि यह फूड प्वाइजनिंग का मामला है, इसलिए इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. लेकिन थोड़ी देर में ही उसकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उसकी मौत हो गई.

ऑटोप्सी में नहीं मिला कोई बड़ा कारण
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को दिल, फेफड़ों, लीवर या किसी भी बड़े अंग में कोई नुकसान नहीं मिला. न ही शरीर में किसी पुराने रोग का संकेत मिला. रिपोर्ट में मौत का कारण सिर्फ अचानक हुई मौत बताया गया. परिवार समझ नहीं पा रहा था कि एक हेल्दी व्यक्ति अचानक कैसे मौत का शिकार हो गया.

पत्नी के संदेह से खुला मामला
मृतक की पत्नी को शक था कि उनके पति की मौत किसी छिपे हुए कारण से हुई है. उन्होंने अपनी दोस्त और डॉक्टर Erin McFeely से बात की. डॉक्टर ने यह केस वर्जीनिया की UVA Health रिसर्च टीम को भेजा. टीम ने ऑटोप्सी रिपोर्ट, मेडिकल हिस्ट्री और लैब सैंपल्स की दोबारा जांच की. जांच में सामने आया कि व्यक्ति को पहले से अल्फा-गैल एलर्जी थी, जो टिक के काटने के बाद विकसित होती है. बीफ खाने के बाद यह एलर्जी अचानक इतनी बढ़ गई कि उसका शरीर एनाफिलेक्सिस में चला गया. जांच में यह भी सामने आया कि खून में मिली अल्कोहल और एंटी-एलर्जी दवा डाइफेनहाइड्रामीन की मात्रा सामान्य थी.

क्या है अल्फा-गैल सिंड्रोम?

  • यह लोन स्टार टिक नाम के कीड़े के काटने से होता है.

  • इस काटने के बाद शरीर रेड मीट में मौजूद अल्फा-गैल शुगर के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है.

  • अगर कोई शख्स बीफ, पोर्क, लैम्ब या इनसे बने किसी भी प्रोडक्ट को खाता है तो शरीर में एलर्जी हो सकती है.

  • यह एलर्जी 3–6 घंटे बाद भी ट्रिगर हो सकती है, इसलिए कई बार कनेक्शन पकड़ में नहीं आता.

अल्फा-गैल सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं
फिलहाल अल्फा-गैल सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है. डॉक्टरों की सलाह है कि जिन्हें यह एलर्जी हो, वे रेड मीट से पूरी तरह दूरी बनाकर रखें. साथ ही शरीर में दिखने वाले असामान्य रिएक्शन को हल्के में न लें.

क्यों चर्चा में है यह केस?
यह दुनिया का पहला केस है जिसमें अल्फा-गैल सिंड्रोम से किसी की मौत की हुई है. इससे डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलेगी कि रेड मीट खाने के बाद दिखने वाली देरी वाली एलर्जी को नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है.

 

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