Hair treatment leads to kidney disease: बालों की स्ट्रेटनिंग कराने वाले हो जाएं सावधान, इसमें मौजूद केमिकल खराब कर सकता है आपकी किडनी

सैलून में बालों की स्ट्रेटनिंग कराने के बाद एक महिला की किडनी खराब हो गई. रिपोर्ट्स की मानें तो 26 वर्षीय महिला को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी. महिला जून 2020, अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 में बालों की ट्रीटमेंट कराने सैलून गई. हर हेयर ट्रीटमेंट के बाद महिला को उल्टी, दस्त, बुखार और पीठ में दर्द का अनुभव हुआ.

Hair treatment/Photo-Unsplash/Adam
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST
  • केराटिन ट्रीटमेंट का ट्रेंड बढ़ गया है
  • बालों की स्ट्रेटनिंग कराने वाले हो जाएं सावधान

उलझे, रूखे, बेजान बालों को सॉफ्ट-शाइनी बनाने के लिए महिलाएं केराटिन ट्रीटमेंट लेने लगी हैं. इसका क्रेज इतना बढ़ गया है कि हेयर ट्रीटमेंट कराना महिलाओं के रूटीन में शामिल हो गया है. ब्‍यूटी पार्लर में जाकर हेयर स्ट्रेटनिंग और स्मूदनिंग कराना सबको अच्‍छा लगता है लेकिन हाल ही में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.

दरअसल सैलून में बालों की स्ट्रेटनिंग कराने के बाद एक महिला की किडनी खराब हो गई. रिपोर्ट्स की मानें तो 26 वर्षीय महिला को पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी. महिला जून 2020, अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 में बालों की ट्रीटमेंट कराने सैलून गई. हर हेयर ट्रीटमेंट के बाद महिला को उल्टी, दस्त, बुखार और पीठ में दर्द का अनुभव हुआ.

केमिकल खराब कर सकता है आपकी किडनी

इतना ही नहीं महिला ने हेयर ट्रीटमेंट के दौरान अपने स्कैल्प पर जलन महसूस होने और कुछ ही समय बाद अल्सर होने की भी शिकायत की. द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में ये मामला प्रकाशित करने वाले डॉक्टरों ने महिला के खून में क्रिएटिनिन का लेवल बहुत ज्यादा पाया. जो इस बात का संकेत है कि उसकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही.

Hair treatment/Photo-Unsplash/Adam

स्किन के जरिए किडनी तक पहुंचा एसिड
महिला के यूरिन से ब्लड आ रहा था लेकिन संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिखा. उसके बालों पर ऐसी स्ट्रेटनिंग क्रीम लगाई गई थी जिसमें ग्लाइऑक्सिलिक एसिड था, शायद इसी केमिकल की वजह से महिला के स्कैल्प जल गए थे. डॉक्टरों ने ग्लाइऑक्सिलिक एसिड और किडनी डैमेज के बीच संबंध को बेहतर ढंग से समझने के लिए चूहों के साथ एक्सपैरिमेंट किया. डॉक्टरों ने पाया कि एसिड स्किन के जरिए अवशोषित हो गया और किडनी तक पहुंच गया.

चूहों पर किया गया टेस्ट
डॉक्टरों ने सैलून में इस्तेमाल किए जाने वाले स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट को 5 चूहों की पीठ पर लगाया, जिसमें 10% ग्लाइऑक्सिलिक एसिड था. इसी तरह पांच चूहों पर पेट्रोलियम जेली लगाया गया. जिन चूहों पर हेयर प्रोडक्ट लगाया गया था उनके खून में 28 घंटों बाद दूसरे चूहों की तुलना में क्रिएटिनिन नाम के केमिकल का लेवल बढ़ा हुआ पाया गया. उनके गुर्दे में बहुत सारा कैल्शियम ऑक्सालेट मोनोहाइड्रेट भी था, जो उन चूहों में नहीं था जिन्हें पेट्रोलियम जेली दी गई थी.

संभावित खतरों की चेतावनी हो जारी
चूहों के यूरिन में पाए गए छोटे क्रिस्टल वैसे दिखते थे जो गलती से एथिलीन ग्लाइकोल नाम का खतरनाक केमिकल पी गए थे. ये केमिकल हमारे घरों और ऑफिसों में इस्तेमाल की जाने वाली कई चीजों में पाया जाता है. महिला का इलाज करने वाले डॉक्टरों का मानना ​​है कि बालों को सीधा करने या स्मूद करने वाले प्रोडक्ट में ग्लाइऑक्सिलिक एसिड के इस्तेमाल के संभावित खतरों की चेतावनी दी जानी चाहिए. अगर आप भी अपने बालों में ये ट्रीटमेंट करवाने की सोच रही हैं तो इसके संभावित खतरों को भी अच्छी तरह से जान लें.

 

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