भारत में डायबिटीज की बीमारी बढ़ती जा रही है. करोड़ों लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से करीब 50% लोगों को यह पता ही नहीं होता कि उन्हें डायबिटीज है. अधिकतर मरीज तब डॉक्टर के पास पहुंचते हैं जब बीमारी से जुड़ी परेशानियां जैसे दिल की समस्या, किडनी फेल होना या नजर कमजोर पड़ना शुरू हो चुकी होती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर लोग समय पर ब्लड शुगर की जांच करवाएं, तो इन परेशानियों को आसानी से टाला जा सकता है.
लक्षणों को न करें नजरअंदाज
झायनोव्हा शाल्बी अस्पताल, अहमदाबाद की एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. राशी अग्रवाल बताती हैं, यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है, इसलिए कई बार लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें डायबिटीज है. 30 से 65 साल की उम्र के लगभग 10 में से 5 मरीज मेरे पास तब आते हैं जब किडनी या दिल पर असर शुरू हो चुका होता है.
उनका कहना है कि जागरूकता की कमी, नियमित हेल्थ चेकअप न करवाना और यह सोचना कि शुगर सिर्फ बुजुर्गों को होती है यही वजहें हैं कि कई लोगों में डायबिटीज देर से पकड़ी जाती है.
प्री डायबिटीज के लक्षण
डॉ. अग्रवाल बताती हैं कि बहुत ज्यादा प्यास या भूख लगना, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना, थकान, धुंधला दिखाई देना, घावों का देर से भरना या बार-बार इंफेक्शन होना ये डायबिटीज के प्रमुख लक्षण हैं. अगर ये लक्षण कुछ दिनों तक बने रहें तो ब्लड शुगर की जांच जरूर करवाएं, भले ही आप खुद को हेल्दी महसूस करते हों.
ब्लड शुगर की नियमित जांच है सबसे जरूरी
डॉ. अग्रवाल कहती हैं कि एक साधारण ब्लड टेस्ट से डायबिटीज का शुरुआती पता लगाया जा सकता है. अगर ब्लड शुगर को समय पर कंट्रोल किया जाए, तो दिल, नसों, किडनी और आंखों पर असर पड़ने से बचा जा सकता है. 30 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार ब्लड शुगर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए. अगर परिवार में किसी को डायबिटीज रही हो, तो यह जांच और भी जरूरी हो जाती है.
जांच के तीन जरूरी टेस्ट
मुंबई के अपोलो डायग्नोस्टिक्स की रीजनल टेक्निकल चीफ डॉ. उपासना गर्ग बताती हैं, भारत में डायबिटीज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसका पता लगाने के लिए तीन बेसिक टेस्ट जरूरी हैं.
FBS (Fasting Blood Sugar)-खाली पेट की जांच.
PPBS (Postprandial Blood Sugar)-भोजन के 2 घंटे बाद की जांच.
HbA1c टेस्ट-पिछले 2–3 महीनों के औसत ब्लड शुगर स्तर को बताता है और यह दर्शाता है कि शुगर कितना कंट्रोल में है.
अगर डायबिटीज का पता शुरुआती स्तर पर चल जाए, तो इलाज से दिल, किडनी, लीवर और आंखों से जुड़ी जटिलताओं को रोका जा सकता है. नियमित जांच, संतुलित आहार, व्यायाम और समय पर कदम उठाना बहुत जरूरी है. क्योंकि आपका ब्लड शुगर स्तर जानना ही आपके अच्छे स्वास्थ्य की सबसे बड़ी कुंजी है.
-दीपेश त्रिपाठी की रिपोर्ट