
Sugar Vs Jaggery
Sugar Vs Jaggery भारत में सर्दियों के मौसम में गुड़ का सेवन एक परंपरा की तरह माना जाता है. ठंड में गुड़ न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. हालांकि अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर गुड़ और चीनी में क्या बेहतर है? दोनों ही गन्ने या खजूर के रस से बनते हैं, लेकिन उनकी प्रोसेसिंग और पोषण में बड़ा अंतर होता है.
गुड़ बनता है नेचुरल तरीके से
दरअसल, गुड़ और चीनी दोनों ही गन्ने से बनते हैं, पर फर्क इस बात में है कि चीनी बनाने के दौरान गन्ने के रस को रिफाइन और ब्लीच किया जाता है, जिससे उसमें मौजूद सभी नैचुरल मिनरल्स खत्म हो जाते हैं. वहीं गुड़ को उबालकर और ठंडा करके बनाया जाता है, जिससे उसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन A, C, E जैसे पोषक तत्व बने रहते हैं. इसी कारण से गुड़ को नेचुरल एनर्जी बूस्टर और सुपर फूड कहा जाता है.
गुड़ में 70% सुक्रोज जबकि चीनी में 99.7%
गुड़ में लगभग 70 प्रतिशत सुक्रोज पाया जाता है, जबकि चीनी में यह मात्रा 99.7 प्रतिशत तक होती है. चीनी में न तो प्रोटीन होता है, न फैट, और न ही कोई मिनरल. वहीं गुड़ में फ्रक्टोज और ग्लूकोज जैसे नैचुरल शुगर के साथ कुछ प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो शरीर को अंदर से मजबूती देते हैं.
आयुर्वेद में भी बताए गए हैं गुड़ के फायदे
भारत में गुड़ का इस्तेमाल न केवल खाने में बल्कि दवा के रूप में भी किया जाता रहा है. आयुर्वेद के अनुसार गुड़ पाचन में मदद करता है, शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और खून की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है. पुराने समय में लोग प्यास लगने पर पहले थोड़ा गुड़ खाकर पानी पीते थे ताकि शरीर का तापमान संतुलित रहे.
दिलचस्प बात यह है कि दुनिया के कुल गुड़ उत्पादन का करीब 70 प्रतिशत भारत में होता है. यही वजह है कि भारतीय खानपान में गुड़ एक अहम हिस्सा है, चाहे वो लड्डू में हो, चाय में या फिर सर्दियों के पकवानों में.

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद की डाइटीशियन हेड डॉ. नीति शर्मा कहती हैं, गुड़ आमतौर पर चीनी से ज्यादा हेल्दी माना जाता है, क्योंकि इसकी प्रोसेसिंग कम होती है और इसमें आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे मिनरल्स बने रहते हैं. चीनी में केवल खाली कैलोरी होती है, जबकि गुड़ में कुछ ट्रेस न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं. हालांकि दोनों में कैलोरी अधिक होती है, इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए ताकि वजन और ब्लड शुगर पर असर न पड़े.
जब आप चीनी से गुड़ पर स्विच करते हैं तो आपके शरीर पर क्या असर पड़ता है?
डाइटीशियन नीति शर्मा बताती हैं, अगर आप चीनी छोड़कर गुड़ खाना शुरू करते हैं तो इससे डाइजेशन बेहतर होता है, इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर को नैचुरल एनर्जी मिलती है. गुड़ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं और कब्ज जैसी दिक्कत को भी कम कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे, गुड़ भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है, इसलिए इसकी मात्रा नियंत्रित रखनी जरूरी है.
क्या गुड़ शुगर के मरीजों के लिए बेहतर है?
इस सवाल पर डॉ. शर्मा साफ कहती हैं, डायबिटीज के मरीजों के लिए गुड़ भी सुरक्षित विकल्प नहीं है. भले ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स चीनी से थोड़ा कम हो, लेकिन इसमें सुक्रोज की मात्रा बहुत अधिक होती है. यह ब्लड ग्लूकोज लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है, इसलिए डायबिटिक लोगों को गुड़ से परहेज करना चाहिए और स्टेविया या मॉन्क फ्रूट जैसे नैचुरल स्वीटनर चुनने चाहिए.

क्या गुड़ का रोजाना सेवन करने से कोई दुष्प्रभाव होता है?
डॉ. शर्मा के अनुसार, अगर आप रोजाना ज्यादा मात्रा में गुड़ खाते हैं, तो इससे वजन बढ़ सकता है, दांतों में कीड़ा लग सकता है और ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आ सकता है. कुछ लोगों को पेट फूलने या गैस की समस्या भी हो सकती है. इसलिए इसे सिर्फ थोड़ी मात्रा में ही खाएं जैसे भोजन के बाद एक छोटा टुकड़ा या आधा चम्मच.
गुड़ ज्यादा खाने के क्या नुकसान हैं?
हालांकि चीनी की तुलना में गुड़ का सेवन अधिक लाभदायक है, लेकिन ज्यादा गुड़ खाना भी नुकसान पहुंचा सकता है. 100 ग्राम गुड़ में लगभग 340 कैलोरी होती है, जो ऊर्जा का बड़ा सोर्स है. इसलिए अगर इसका सेवन ज्यादा किया जाए तो वही नुकसान हो सकता है जो ज्यादा चीनी खाने से होता है जैसे मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज और थकान.